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चांदी चल रही सोने की चालः 47050 रुपये प्रतिकिलो पहुंचे दाम, नौ साल पहले थी 27255 रुपये aligarh news

यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टॉक करने से होना बताई गई है। रेट बाजार में अभी और बढऩे की उम्मीद है। गरीबों के गहने दिनों दिन महंगे होते जा रहे हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 12:43 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 01:03 PM (IST)
चांदी चल रही सोने की चालः  47050 रुपये प्रतिकिलो पहुंचे दाम, नौ साल पहले थी 27255 रुपये aligarh news
चांदी चल रही सोने की चालः 47050 रुपये प्रतिकिलो पहुंचे दाम, नौ साल पहले थी 27255 रुपये aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)।  चांदी भी अब सोने की चाल चल पड़ी है। इस पर अगस्त के शुरू से आखिर तक 2255 रुपये प्रतिकिलो गहने महंगे हुए है। पिछले माह शुरू में 39050 रुपये प्रति किलो थी। आखिरी दिन 49160 रुपये प्रतिकिलो बिकी। कारोबारियों को अंदेशा है कि इस रफ्तार से सिल्वर के दाम बढ़े तो 27 अप्रैल 2011 के हिमालय पर पहुंचे रेट 69000 रुपये प्रतिकिलो का इतिहास दोहराया जा सकता है। यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टॉक करने से होना बताई गई है। रेट बाजार में अभी और बढऩे की उम्मीद है। गरीबों के गहने दिनों दिन महंगे होते जा रहे हैं। इसके चलते सुहाग के प्रतीक बिछुआ व पायल खरीदने में लोग संकोच कर रहे हैं। 2010 में चांदी के भाव 27255 रुपये थे। इसके बाद लगातार बढ़ते चले गए।

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चांदी के भाव साल दर साल

साल, रेट

2010, 27255

2011, 56900

2012, 56290

2013, 50030

2014, 43070

2015, 37875

2016, 36990

2017, 42000

2018, 38322

2019, 49160

बाजार भाव इस वर्ष

माह, रेट

मार्च, 43573

अप्रैल, 40863

मई, 40759

जून, 41092

जुलाई, 44925

अगस्त, 49160

(दाम रुपये प्रतिकिलो)

स्रोत : भाव अलीगढ़ सर्राफा कमेटी द्वारा जारी

बाजार से ग्राहक गायब

बाजार में तेजी का दौर है। सोने के बाद चांदी के भाव भी चढ़ रहे हैं। बाजार से ग्राहक गायब हैं।

अमित सर्राफ, अध्यक्ष इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन

यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार के चलते है। कुछ सरकार की नीतियों ने महंगाई को हवा दी है। 10 से 12.5 फीसद आयात शुल्क कर दिया है।

अनुभव अग्रवाल, शोरूम मालिक

चांदी अभी और भी तेज होगी। लोग चांदी के आभूषण की खरीदारी कर सकते हैं। चांदी के बर्तन और भी तेज हो सकते हैं।

प्रियांक दिनेश, शोरूम मालिक

त्योहारी सीजन से पहले तेजी ने बजट गड़बड़ा दिया है। पुत्री की बेटी के लिए पाजेब खरीदने आया था। पहले भाव पूछ कर गया। आज ज्यादा हैंै।

लोकेश मित्तल, ग्राहक

गरीब के गहने भी महंगे हो गए। यही हाल तेजी का रहा तो सुहाग के प्रतीक बिछुआ खरीदने में अधिक खर्च करना होगा।

मीरा वाष्र्णेय, ग्राहक

सोने के साथ चांदी के भाव तेज होना चिंतनीय है। सोना खरीदकर लोग निवेश कर सकते हैं, मगर चांदी क्यों महंगी हुई। कोई बताने को तैयार नहीं।

चंचल गौड़, ग्राहक 


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