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चाचा के उकसाने पर चलाईं गोली, उन्हें मारने का नहीं था इरादा Aligarh news

हिमांशु सिंह का कहना है कि उसका चाचा को मारने का कोई इरादा नहीं था। रुपये मांगने के दौरान हुई गर्मा- गर्मी के बीच उसने सिर्फ धमकाने व डराने की खातिर तमंचा दिखाया था।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:00 AM (IST)
चाचा के उकसाने पर चलाईं गोली, उन्हें मारने का नहीं था इरादा Aligarh news
चाचा के उकसाने पर चलाईं गोली, उन्हें मारने का नहीं था इरादा Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन]: नगला तिकोना के कर्पूरी नगर (क्वार्सी)में रविवार को कोल तहसील के अधिवक्ता वेदप्रकाश राजपूत की हत्या में पकड़े गए भतीजे हिमांशु सिंह का कहना है कि उसका चाचा को मारने का कोई इरादा नहीं था। रुपये मांगने के दौरान हुई गर्मा- गर्मी के बीच उसने सिर्फ धमकाने व डराने की खातिर तमंचा दिखाया था। चाचा के उकसाने और मोबाइल से वीडियो बनाने पर उसने गोली चलाई थी। चाचा वेदप्रकाश कहते थे जो भी काम करो उसे दिल से पूरा करो। बस उनकी यही सीख उसे याद आ गई और पहली गोली चलाने के बाद उसने लगातार कई गोलियां चलाकर चाचा का काम तमाम कर दिया। चाची बीच में आई तो उन्हें भी गुस्से में मार डालने का प्रयास किया। तमंचे से उसने कुल चार फायर किए थे, जबकि पांचवा कारतूस चलाते वक्त मिस हो गया। 

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हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद 

पुलिस लाइन में एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने मंगलवार को अधिवक्ता की हत्या का राजफाश करते हुए आरोपित हिमांशु को मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि आरोपित हिमांशु को हत्या में प्रयुक्त तमंचा, कारतूस व तीन खोखे समेत गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। दूसरे आरोपित भाई धीरज की तलाश में पुलिस टीमें जुटी हुुई हैं उसे जल्द पकड़ा जाएगा। 

बढ़ गई थीं चाचा की ज्यादतियां 

बकौल आरोपित हिमांशु, चाचा की ज्यादतियां लगातार बढऩे लगी थीं। आए दिन वह घर आकर पिता को धमकाते थे। पिता को किडनी में इंफेक्शन होने व मां के अपनी किडनी दे देने के बाद अक्सर उन्हें परेशानी होती थी। इलाज के लिए उन्हें हर हफ्ते दिल्ली ले जाना पड़ता था। इसके लिए पैसों की जरूरत पड़ती थी। 

93 हजार रुपये का था लेन-देन 

बकौल हिमांशु, चाचा वेदप्रकाश को मकान के बंटवारे को लेकर साढ़े सात लाख रुपये देने थे, जिसमें से कुल 93 हजार रूपये शेष रह गये थे। कई बार रुपये मांगे फिर भी वे रुपये देने से इन्कार कर रहे थे। घटना वाले दिन से एक दिन पहले भी उन्होंने घर जाकर माता-पिता को उल्टा-सीधा कहा था। घर में रोज-रोज चाचा की वजह से होने वाली क्लेश रहती थी, उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी। इससे निजात पाने को वह आर-पार करने के इरादे से चाचा के घर पहुंचा था। 

भाई ने नहीं किया कुछ भी 

हिमांशु ने बताया कि घटना के वक्त छोटा भाई धीरज गेट पर ही खड़ा कर दिया था। हत्या सिर्फ उसने की थी छोटा भाई इस हत्या में पूरी तरह से बेकसूर है। हत्या कर वह भाई के साथ भागकर अतरौली में अपनी ननिहाल में चले गए थे। 


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