अलीगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था में सेंध, चौथी बार ज्वेलर्स से हुई लूट, हाथ मलती रही पुलिस Aligarh news
शराब प्रकरण को छोड़ दें तो जिले में सबकुछ ठीक चल रहा है। रोजाना बदमाश पकड़े जा रहे हैं। दिन और रात में तरह-तरह के चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। इतनी तगड़ी मुस्तैदी के बीच एक लूट ने चुनौती दे दी है।
अलीगढ, जेएनएन । शराब प्रकरण को छोड़ दें तो जिले में सबकुछ ठीक चल रहा है। रोजाना बदमाश पकड़े जा रहे हैं। दिन और रात में तरह-तरह के चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। इतनी तगड़ी मुस्तैदी के बीच एक लूट ने चुनौती दे दी है। अगर पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर गढ़ाए है तो बदमाशों के हौसले बुलंद कैसे हो गए? सुनने में आया है कि ज्वेलर्स से चौथी बार लूट हुई है। एक बार गोली भी लगी थी। ये बड़ी लापरवाही है। अगर पुराने मामलों में ही पुलिस गंभीरता दिखा देती तो शायद चौथी घटना न होती। देखा जाए तो ज्वेलर्स के साथ भी यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ महीनों पहले ही घटनाओं को शहर को दहला दिया था। तब भी पुलिस ने व्यापारियों को सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया था। मगर निचले स्तर पर लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। उम्मीद है कि जल्द बदमाश पकड़े जाएंगे।
आत्महत्या या हत्या
गांधीपार्क क्षेत्र में पिछले दिनों घर में राजमिस्त्री का शव पड़ा मिला था। मामला शुरुआत से ही संदिग्ध था। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस को और उलझा दिया। इसमें सिर में चोट लगने से मौत की बात पता चली। इसमें दो संभावनाएं हो सकती हैं। पहली कि सिर में चोट खुद गिरने से लगी हो। लेकिन, ऐसा होता है कि शव जमीन पर गिरा मिलता। दूसरा हो सकता है कि किसी ने प्रहार किया करके हत्या की हो। पुलिस को कमरे से शराब के पाउच भी मिले हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि राजमिस्त्री ने शराब भी पी होगी। फिलहाल पुलिस ने विशेषज्ञों से राय मांगी है। पता लगाया जा रहा है कि आखिर सिर में चोट किस तरह की है और कैसे लग सकती है। उम्मीद है कि जल्द सच सामने आएगा। लेकिन, किसी की जान जाने पर अन्य केसों की तरह यह फाइल दबनी नहीं चाहिए।
कसम भूल शर्मसार हुई खाकी
भ्रष्टाचार के मामलों में खाकी के बदनाम होने के किस्से तो अक्सर सामने आ जाते हैं। लेकिन, शहर में इस बार एक पुलिसकर्मी ने खाकी को शर्मसार कर दिया है। क्वार्सी थाना क्षेत्र में एक आठ साल बच्ची के साथ छेड़छाड़ की घटना ने समाज को भी झकझोरा है। सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या ये कृत्य करने वाला पुलिसकर्मी इसी समाज का हिस्सा है। खाकी तो आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए होती है। लेकिन, यहां उसी खाकी ने एक अबोध को शिकार बनाने की कोशिश की। महकमे में आने से पहले पुलिसकर्मी को शपथ दिलाई जाती है कि वह ड्यूटी के प्रति निष्ठावान रहे और लोगों की सेवा करें। आखिर पुलिसकर्मी को उस शपथ का भी ख्याल नहीं आया। खैर, अच्छी बात ये रही है कि मामले में कोई लीपापोती नहीं हुई। तत्काल मुकदमा दर्ज हुआ। अधिकारी ने खुद जाकर जांच की। नतीजतन पुलिसकर्मी जेल गया।
गिरफ्त में आए गिरोह पर भारी चोरियां
इन दिनों वाहन चोरी की घटनाएं ताबड़तोड़ हो रही हैं। कोई थाना क्षेत्र ऐसा नहीं है, जो महफूज हो। सबसे ज्यादा क्वार्सी, सिविल लाइन, बन्नादेवी व गांधीपार्क थानों को चोरों ने गिरफ्त में ले रखा है। बाजार में भीड़भाड़ हो या सुनसान रास्ता, चोट धड़ल्ले से बाइकों को उड़ा देते हैं। पुलिस सीसीटीवी खंगालती है। इसमें आरोपित ट्रेस भी हो जाता है। लेकिन, इससे ज्यादा पुलिस के पास करने को कुछ नहीं होता। दूसरी तरफ पुलिस की ओर से रोज नए-नए गिरोहों का पर्दाफाश किया जा रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि बड़ी मछली हाथ ही नहीं आ रही है। छोटी मछलियों को पकड़कर ही पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। अगर वाकई में गिरोह पर शिकंजा कसा गया है तो इतनी चोरियां क्यों हो रही है। बाइक व मोबाइल चोरी जैसी घटना पुलिस के लिए कोई बड़ी नहीं है। लेकिन, इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।