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अलीगढ़ में स्कूल संचालक की अस्पताल में मौत, हाईवे पर शव रखकर लगाया जाम

बुखार आने पर इलाज को पहुंचे थे स्टाफ पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 10:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:32 PM (IST)
अलीगढ़ में स्कूल संचालक की अस्पताल में मौत, हाईवे पर शव रखकर लगाया जाम
अलीगढ़ में स्कूल संचालक की अस्पताल में मौत, हाईवे पर शव रखकर लगाया जाम

जासं, अलीगढ़ : गभाना थाना क्षेत्र के हाईवे के भांकरी गांव स्थित जेडी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में सोमवार को भर्ती किए गए निजी स्कूल संचालक की थोड़ी देर बाद ही मृत्यु हो गई। स्वजन ने गलत इंजेक्शन लगाने से मृत्यु होने के आरोप लगाते हुए हास्पिटल के सामने ही हंगामा किया। हाईवे जाम कर दिया। करीब घंटे भर बाद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के कार्रवाई के भरोसे के बाद जाम खुल सका। मृतक के भाई ने अस्पताल संचालक व स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि मरीज की केवल किट से डेंगू की जांच की गई थी, ट्रीटमेंट शुरू होने से पहले ही मृत्यु हो गई।

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गांव टमकौली निवासी 32 वर्षीय अनोज कुमार गांव में ही स्कूल चलाते थे। भाई ओमवीर सिंह ने बताया कि सोमवार को बुखार आने पर वे भांकरी स्थित हास्पिटल में पहुंच गए। डाक्टर ने उन्हें भर्ती कर लिया और इंजेक्शन लगा दिया, जिससे तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही देर में मौत हो गई। गुस्साए स्वजन व ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर हाईवे जाम कर दिया। अनोज का पर्स, मोबाइल फोन, सोने की अंगूठी व सामान गायब होने का भी आरोप लगाया। हंगामा बढ़ने पर अस्पताल स्टाफ को वहां से हटना पड़ा। एसडीएम गभाना प्रवीण यादव, सीओ विशाल चौधरी, इंस्पेक्टर एमपी सिंह पहुंच गए। ग्रामीण अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। बरौली विधायक दलवीर सिंह के नाती व युवा भाजपा नेता विजय सिंह उर्फ पप्पू आ गए। ग्रामीणों को समझाकर करीब एक घंटे बाद रात आठ बजे जाम खुलवा दिया। अनोज चार बेटियों के पिता थे। गर्भवती पत्नी व स्वजन हादसे के बाद से बेहाल हैं।

सीओ गभाना विशाल चौधरी ने बताया कि अस्पताल के संचालक व स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा।

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सुबह करीब साढ़े 11 बजे मरीज अकेला ही हास्पिटल में उपचार के लिए पहुंचा। उसे तेज बुखार था। डेंगू की आशंका के मद्देनजर किट से जांच की तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। उसे वार्ड में भर्ती कर लिया गया। करीब आधा घंटे बाद ही बिस्तर पर बैठे ही उसे दौरा पड़ा और लेट गया। स्टाफ ने नब्ज चेक की तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। गलत इंजेक्शन से मृत्यु की बात निराधार है, उसे अस्पताल कोई दवा नहीं दी गई। उसकी मृत्यु कार्डिएक अरेस्ट से होने की आशंका है। हमारे पास मरीज के अस्पताल पहुंचने से लेकर उसकी मृत्यु होने तक की रिकार्डिंग उपलब्ध है, जिसे पुलिस को भी दिखाया गया है। मरीज की जिदगी बचाने के लिए मानवीय आधार पर भर्ती किया गया, अन्यथा बिना किसी तीमारदार के मरीज को भर्ती नहीं किया जाता।

डा. सुनील मित्तल, संचालक-जेडी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल


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