बच्चे के बदले व्यवहार पर रखें कड़ी नजर
----562---- - मानसिक रोग विशेषज्ञ ने ब्लू व्हेल से चिंतित अभिभावकों को दिया परामर्श अलीगढ़: ब्ल
अलीगढ़ : ब्लू व्हेल चैलेंज की गिरफ्त में आ रहे मासूमों को लेकर माता-पिता खासे चिंतित हैं। अचानक ब्लू व्हेल का क्रेज बढ़ने से मानसिक रोग विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है, उन्हें माता-पिता व अभिभावकों को बच्चे के बदलते व्यवहार पर नजर रखने का सुझाव दिया है।
रामघाट रोड स्थित डॉ. आरपी गुप्ता साइकेट्री एंड आई केयर सेंटर के निदेशक व मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अंतरा गुप्ता का कहना है कि बच्चों के शरीर पर चोट के असामान्य निशान (खासकर होठ व हाथ) की अनदेखी न करें। यदि बच्चा असामान्य तौर पर अकेला रहना, ऊंचे स्थानों पर पैर लटकाकर बैठना, डरावनी फिल्में देखना, अलग तरह या डरावना संगीत सुनना, तड़के 3.50 या 4.10 बजे जागना, सोशल मीडिया पर सेल्फी या अवसादपूर्ण बातें पोस्ट करता है तो खतरे की घंटे है। इस असामान्य बदलाव को देखते ही माता-पिता व अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चे से नजदीकी से बात व समय व्यतीत करें। उसके क्रियाकलाप पर नजर रखें। बच्चे के मोबाइल, लैपटाप आदि पर ब्राउजिंग हिस्ट्री चेक करें कि वह क्या अधिक सर्च कर रहा है। असामान्य वेबसाइट देखते ही उसे टोके और प्यार से समझाएं। ब्राउंजिंग पर लॉक या कंट्रोल का इस्तेमाल करें। बच्चे के अकाउंट या ई-मेल का खुद से सिंक करें। डेस्क टॉप चेक करें, उस पर गेम के नाम पर ब्लू व्हेल तो सेव नहीं। किसी भी असामान्य बदलाव पर तुरंत मनोचिकित्सक से काउंसलिंग कराए। माता-पिता को बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं, केवल अलर्ट रहना है।
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