कभी लोग मजाक उड़ाते थे, अब सीएम के हाथों मिलेगा सम्मान
-- सभी के फोटो -- (---स्वास्थ्य समाज ------) सबहेड - अकराबाद ब्लॉक के मजदूर सत्यपाल सिंह
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : धुन के पक्के दशरथ मांझी ने पहाड़ से रास्ता निकालकर सिद्ध कर दिया था कि इंसान के लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। अलीगढ़ के अकराबाद के गांव धौराई के मजदूर सत्यपाल सिंह ने भी ऐसी ही मिसाल पेश की है। तीन गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) कराया है। जहां लाखों रुपये तनख्वाह लेने वाले अफसरों के एक-एक गांव को ओडीएफ करने में पसीने छूट रहे हैं, सत्यपाल ने यह काम बिना वेतन के कर दिया। दो अक्टूबर को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों उन्हें सम्मान मिलेगा।
सत्यपाल सिंह मजदूरी कर परिवार का पालन करते हैं। बीएससी पास 37 वर्षीय सत्यपाल के परिवार में पत्नी व दो बेटियां हैं। मई 2016 में पंचायतराज विभाग की टीम लोगों को जागरूक करने गांव आई थी, सत्यपाल इससे प्रेरित हुए और स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ गए। पंचायतराज विभाग ने उन्हें स्वच्छताग्राही के रूप में रख लिया। सबसे पहले उन्होंने अपने गांव को ओडीएफ करने का जिम्मा लिया। दिन में मजदूरी करते और रात में खुले में शौच जाने से होने वाली हानियों के बारे में लोगों को बताते। कई बार लोगों ने उनका मजाक भी बनाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आठ महीने मेहनत कर गांव को खुले में शौचमुक्त कर दिया। कई शौचालय सरकारी मदद से बनवाए तो दर्जनों लोगों को प्रेरित कर निजी शौचालय बनवाए। वे धौराई के साथ इसी ब्लॉक के खेड़ा नारायण सिंह व केलनपुर को भी खुले में शौचमुक्त करवा चुके हैं। 19 अन्य गांवों में भी प्रयास कर रहे हैं। इस काम के लिए सरकार से एक रुपया भी नहीं लिया। डीपीआरओ पारुल सिसौदिया ने बताया कि शासन ने सत्यपाल सिंह का नाम सम्मान के लिए तय किया है। इसकी जानकारी उन्हें दे दी गई है।
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नगर आयुक्त व ईओ को
भी मिलेगा सम्मान
स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य के लिए नगर निगम के नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा व हरदुआगंज की अधिशासी अधिकारी (ईओ) महिमा मिश्रा को भी सम्मान मिलेगा। नगर आयुक्त ने शहर में स्वच्छता के लिए कई काम किए हैं। कूड़ा निस्तारण प्लांट चालू करवाया। बेहतरीन तैयारी से स्वच्छता सर्वेक्षण में अलीगढ़ को दूसरा स्थान दिलाया। जनजागरूकता में देश में पहला स्थान पाया। महिमा मिश्रा ने स्वच्छ भारत मिशन में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने हरदुआगंज नगर पंचायत का जिले में सबसे पहले ओडीएफ का प्रस्ताव शासन को भेजा। सूबे में वह अकेली महिला अधिशासी अधिकारी हैं, जिन्हें सीएम के हाथों सम्मान मिलेगा।
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बिजारा ओडीएफ घोषित
इगलास ब्लॉक के बिजारा गांव को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है। शुक्रवार को विनय पांडेय के नेतृत्व में मंडलीय टीम ने गांव का निरीक्षण किया और ओडीएफ पर मुहर लगाई। अब जिले में 22 गांव ओडीएफ हो चुके हैं। इस गांव को ओडीएफ करने में जिला कंसल्टेंट पुष्पेंद्र पचौरी का योगदान रहा।