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संदीप हत्‍याकांड : गिफ्ट खरीदना था, इसलिए गनरों को दूसरी गाड़ी में भेज दिया

संदीप हत्याकांड में पुलिस के सामने बड़ा सवाल यही है कि आखिर गनर क्यों आगे निकल गए थे? घटना के वक्त संदीप के साथ मौजूद लोगों से लंबी पूछताछ व जांच में पता चला है कि उस दिन संदीप को ग्रीन पार्क में किसी के जन्मदिन में शामिल होना था।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 11:17 AM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 11:33 AM (IST)
संदीप हत्‍याकांड : गिफ्ट खरीदना था, इसलिए गनरों को दूसरी गाड़ी में भेज दिया
संदीप हत्याकांड में पुलिस के सामने बड़ा सवाल यही है कि आखिर गनर क्यों आगे निकल गए थे?

सुमित शर्मा, अलीगढ़ । संदीप हत्याकांड में पुलिस के सामने बड़ा सवाल यही है कि आखिर गनर क्यों आगे निकल गए थे? घटना के वक्त संदीप के साथ मौजूद लोगों से लंबी पूछताछ व जांच में पता चला है कि उस दिन संदीप को ग्रीन पार्क में किसी के जन्मदिन में शामिल होना था। गिफ्ट भी खरीदना था। शशांक निगम को अपनी गाड़ी में बिठाकर संदीप चल दिए। जबकि दूसरी गाड़ी में कासिमपुर प्लांट के हेड सुशील के साथ गनर भी भेज दिए।

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गनर के हटते ही आरोपितों को मिला मौका

घटना के बाद से ही पुलिस ने उन सभी लोगों से पूछताछ की, जो दोनों गाडिय़ों में सवार थे। इनमें शशांक निगम, सुशील मिश्रा, ड्राइवर रनवीर, दोनों गनर शामिल थे। बुधवार तक पुलिस ने किसी को भी नहीं जाने दिया। पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि समद रोड के कट पर स्थित पान की दुकान पर रुकने का कोई प्लान नहीं था। संदीप की वहां अचानक कार रुकी थी। पान की दुकान से रजनीगंधा के अलावा पानी की बोतल भी खरीदी गई। गनर के हटते ही बदमाशों को मौका मिल गया।

निगम ने छिपकर बचाई जान

शशांक निगम संदीप की लाजिस्टिक कंपनी से वर्ष 2009 से जुड़े हुए हैं। बुधवार को घटना का पर्दाफाश होने के बाद शशांक के भी बयान दर्ज किए गए। शशांक ने पुलिस को बताया कि शूटरों ने कोई बातचीत नहीं की। आते ही फायरिंग की। उसने भी सीट के नीचे छिपकर जान बचाई।

हत्या की साजिश में अंकुश का पिता भी शामिल

एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि अंकुश की कार उसके दोस्त दुष्यंत के गैराज से बरामद की गई। इसके बाद राजीव को हिरासत लिया। क्रेटा कार की पहचान कराई। पूछताछ में पता लगा कि संदीप से अंकुश व राजीव रंजिश मानता था। इसीलिए हत्या की योजना बनाई गई थी, जिसमें राजीव भी शामिल था। इस आधार पर उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। अंकुश व दुष्यंत के अलावा घटना में जो भी लोग शामिल हैं, उनकी तलाश में टीमें लगी हुई हैं। अंकुश की गिरफ्तारी के बाद पूरी कहानी सामने आएगी। इधर, राजीव की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि बेटे से उनका कोई नाता नहीं है। पति निर्दोष हैं। पुलिस पूछताछ के लिए पति को ले गई और अब गिरफ्तारी दिखा दी।

किसने उपलब्ध कराए शूटर

संदीप की हत्या कराने में कहीं अलीगंज के किसी व्यक्ति का हाथ तो नहीं, इसको लेकर भी पुलिस जांच कर रही है। हत्यारों ने संदीप के बारे में सूचनाएं कहां से जुटाईं? अंकुश को कैसे पता था कि 27 दिसंबर को संदीप अलीगढ़ पहुंचेंगे? यह भी आशंका है कि रेकी अलीगंज से ही शुरू हुई हो। अंकुश का शूटरों से संपर्क कैसे हुआ? यह माना जा रहा है कि किसी रसूखदार व्यक्ति या बड़े अपराधी के जरिए ही शूटर उपलब्ध हुए होंगे। कहीं किसी राजनीतिक दल के नेता का हाथ तो नहीं, पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।

दुष्यंत के साथ रह रहा था अंकुश

पुलिस के मुताबिक, अंकुश व दुष्यंत अच्छे दोस्त हैं। दोनों साथ में ही क्वार्सी क्षेत्र में रहते थे। दुष्यंत मूलरूप से हरदुआगंज के गांव शाहपुर का रहने वाला है। रामघाट रोड पर पीएसी के पास उसका गाडिय़ों का गैराज है। इसी से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर तालसपुर में उसका घर है। पिता जितेंद्र अधिवक्ता हैं।


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