जानिए अलीगढ़ में कहा पढ़ाते थे भगत सिंह
अलीगढ़: खैर तहसील के पिसावा थाना क्षेत्र के गाव शादीपुर से महान क्रांतिकारी शहीद-ऐ-आजम सर
अलीगढ़: खैर तहसील के पिसावा थाना क्षेत्र के गाव शादीपुर से महान क्रांतिकारी शहीद-ऐ-आजम सरदार भगत सिंह का गहरा रिश्ता रहा है। अंग्रेजी हुकूमत के षड़यंत्र से बचने के लिए उन्होंने कई महीने शादीपुर गाव में बिताए थे। शादीपुर गाव के प्रधान भानु प्रकाश ने बताया कि गाव में हर वर्ष 23 मार्च को सरदार भगत सिंह के शहीद दिवस पर समारोह का आयोजन किया जाता है। इस बार समारोह को और भी ज्यादा बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। समारोह में अलीगढ़ सासद सतीश गौतम खैर विधायक अनूप प्रधान के साथ अन्य महत्व पूर्ण लोग मौजूद रहने की संभावना है। डॉ योगेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि समारोह में राष्ट्रभक्ति गीत और छात्राओं द्वारा सास्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सांडर्स की हत्या के बाद सरदार भगत सिंह अंग्रेजी हुकूमत से बचने के लिए कानपुर छोड़कर इस गांव में आए थे। शादीपुर गांव में वह बलवंत सिंह नाम से 18 महीने तक रहे थे। इस गांव में रहकर उन्होंने गांव के बच्चों को पढ़ाया था। शादीपुर गांव के लोग आज भी इस दिन को पूरे सम्मान के साथ मनाते हैं। पुलिस का खतरा बढ़ने की वजह से वह शादीपुर गांव पैदल ही आए थे। जहां उन्होंने अपने बाल कटवा कर नाम बदलकर बलवंत सिंह रख लिया था। वहा पर एक स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर टोडर सिंह ने उन्हें स्कूल मास्टर के रूप में सभी से मिलवाया था। जिनके घर पर ही भगत सिंह रहा करते थे। भगत सिंह गांव के बाहर ही बच्चों को पढ़ाने का काम किया करते थे। साथ ही उन्होंने गांव के बड़े-बूढ़ों को देशी बम बनाना भी सिखाया था। गांव के रामशरण, नत्थन सिंह, रघुवीर आदि ने उनसे देशभक्ति का पाठ पढ़ा था। शहीद भगत सिंह की फांसी के दिन गांव के साथ आसपास के लोगों ने भी शोक मनाया था। उस दिन से आज तक शहीद दिवस को गांव के लोग सम्मान पूर्वक मनाते हैं।