कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने वाले विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा का मिलेगा ज्ञान
नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को लगाई जा रही है कोविड रोधी वैक्सीन।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौवीं से 12वीं कक्षा के 15 से 18 वर्ष आयु के विद्यार्थियों को कोविड रोधी वैक्सीन लगाई जा रही है। अब वैक्सीन लगवाने वाले विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से साइबर सुरक्षा का ज्ञान भी कराया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 80 से 85 फीसद वैक्सीनेशन का काम पूरा हो चुका है। इनको बताया जाएगा कि मोबाइल पर कोई भी ओटीपी भेजे तो उसको साझा न करें। विद्यार्थियों में जागरूकता के लिए यह पहल की जा रही है। विद्यार्थी इसके बाद अपने स्वजन को भी जागरूक कर सकेंगे।
विद्यार्थियों के पास अपने या स्वजन के मोबाइल हैं। स्वजन के बैंक खातों से उनके मोबाइल नंबर भी लिक हैं। विभागीय अफसरों को अन्य जिलों से मिली जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों के मोबाइल पर साइबर ठग वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेज सकते हैं। कहा जा सकता है कि उनकी वैक्सीनेशन रिपोर्ट गलती से पहुंच गई है। ओटीपी आया है उसको बता दें तो वे अपनी रिपोर्ट प्राप्त कर लेंगे। विद्यार्थी या अभिभावक के ओटीपी बताते ही बैंक खाते से राशि पार हो जाएगी। कुछ जिलों में कोविड-19 की रिपोर्ट गलती से मोबाइल पर जाने की बात कहकर ठगी की जा चुकी है। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानाचार्यों व शिक्षकों से कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने वाले विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से जानकारी उपलब्ध करा दें कि मोबाइल पर किसी भी प्रकार की ओटीपी संबंधी या अन्य जानकारी किसी से साझा न करें। इस संबंध में अगर विद्यार्थियों व अभिभावकों के मोबाइल पर संदेश भी भेजने पड़ें तो इस प्रक्रिया को अमल में लाया जाए। इंटरनेट मीडिया पर ग्रुप बनाकर एक साथ संदेश साझा किए जाएं। साथ ही अभिभावकों को भी इस संबंध में जागरूक करें। जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके, क्योंकि साइबर ठग आजकल तमाम तरह के तरीके अपना रहे हैं।