Aligarh News: रोरावर कब्रिस्तान को लेकर तनाव, पूर्व विधायक जमीर से भाजपाइयों की झड़प, थाने का किया घेराव
Aligarh News वर्ष 2003 में हुआ विवाद अब भी तूल पकड़ लेता है। बवाल इतना बढ़ा था कि तीन थानों में कफ्र्यू लगाना पड़ा था। अब फिर से दीवार निर्माण के विरोध में थाने पहुंचे भाजपाई। दोनों पक्षों ने बंद कराए बाजार।
अलीगढ़, जागरण टीम। अलीगढ़ शहर का बहुचर्चित रोरावर कब्रिस्तान प्रकरण को लेकर रविवार को फिर तनाव हो गया। कब्रिस्तान की दीवार निर्माण का विरोध करते हुए भाजपाइयों ने देहली गेट थाने का घेराव करते हुए हंगामा किया। पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवाया तो सपा के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह अपने साथियों के साथ देहली गेट थाने पहुंच गए। वहां पहले से ही मौजूद भाजपाइयों से उनका विवाद हो गया।
थाने पर भाजपाइयों ने किया प्रदर्शन
आरोप है कि भाजपाइयों ने पूर्व विधायक के साथ हाथापाईं कर दी। भाजपाइयों का आरोप है कि जमीर उल्लाह ने देख लेन की धमकी दी। गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपाइयों ने थाने में ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पूर्व विधायक ने अपने समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचकर भाजपाइयों पर जान लेवा हमले का आरोप लगाया। इस दौरान हिंदू पक्ष के लोगों ने जयगंज, सब्जी मंडी, छिपैटी बाजार बंद करा दिए। शाम को देहली गेट चौराहे पर जाम लगाकर प्रदर्शन भी किया। वहीं मुस्लिम पक्ष के लोगों ने ऊपरकोट व आसपास के बाजार बंद करा दिए। जमीर उल्लाह ने एलान किया अगर भाजपाइयों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह सोमवार को बाजार बंद कराएंगे।
प्रशासन ने भाजपाइयों के विरोध में बंद कराया था काम
रोरावर कब्रिस्तान में रास्ते की दीवार का निर्माण कार्य 17 फरवरी को भी हो रहा था। जिसे प्रशासन ने भाजपाइयों के विरोध पर बंद करा दिया था। तब कब्रिस्तान के मुतवल्ली मुईनउद्दीन उर्फ मोनू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ था। शनिवार की रात पुलिस को सूचना मिली कि कब्रिस्तान में दीवार निर्माण का काम चल रहा है।
टूटी दीवार की मरम्मत की जा रही
सीओ प्रथम अभय पांडेय ने इस बारे में मोनू से फोन बात भी की। मोनू ने बताया कि टूटी हुई दीवार की मरम्म्त कराई जा रही है। दीवार निर्माण की सूचना पर रविवार सुबह 11 बजे पूर्व मेयर शकुंतला भारती, ब्रजेश कंटक, विनय वाष्र्णेय हर्षद हिंदू समेत कई भाजपाई थाने पहुंच गए। सीओ ने दोपहर डेढ़ बजे दो सिपाहियों को भेज कर काम रुकवा दिया। कुछ देर बाद सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक जमीर उल्लाह, मुईनउद्दीन व अन्य लोग पुलिस से बात करने के लिए देहली गेट थाने पहुंच गए। वहां पहले से ही भाजपाई हंगामा कर रहे थे। जमीर उल्लाह को देख भाजपाई आक्रोशित हो गए। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक यहां क्यों आए हैं। यहीं से मामला तूल पकड़ गया।
ये है विवाद
वर्ष 2003 में कनवरीगंज इलाके से एक शव यात्रा के रोरावर श्मशान जाने के दौरान रास्ते को लेकर दो समुदायों में झगड़ा हुआ था। जिसने सांप्रदायिक रूप ले लिया था। शहर के तीन थाना क्षेत्रों में तब कर्फ्यू लगाना पड़ गया था। तत्कालीन एसओ देहली गेट अरुण कुमार सिंह की ओर से दोनों समुदायों के 39 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसमें उस समय के पूर्व विधायक स्व. केके नवमान, पूर्व विधायक स्व. संजीव राजा, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष स्व. चरणजीत अरोरा, संजय टाइल्स आदि शामिल थे।
समझौतों का पालन कराए प्रशासन
पूर्व मेयर पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने कहा कि 1999 व 2003 में हुए समझौते के अनुसार कोई नव निर्माण नहीं हो सकता। मौके पर इसका उल्लंघन हो रहा था। इसका ही विरोध करने थाने गए थे। प्रशासन को चाहिए कि वह नव निर्माण की अनुमति न दे। माहौल खराब करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई करे। कार्यकर्ता जब देहली गेट थाने पर अपनी बात रखने गए थे तो वहां पूर्व विधायक को नहीं आना चाहिए था।