Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नववर्ष के रोडमैप की पीएम मोदी से मिली सीख Aligarh News

    By Sandeep SaxenaEdited By:
    Updated: Sun, 27 Dec 2020 11:00 AM (IST)

    शताब्दी समारोह में पीएम मोदी ने जो लक्ष्य इंतजामिया को दिया है उस खरा उतरने का यह बेहतर अवसर भी है। अव्वल तो स्वतंत्रता सैनानियों पर शोध के कार्ययोजना बनानी होगी। एक ऐसा प्लान जो भावी पीड़ी के भविष्य का सार्थक बना सके।

    Hero Image
    शताब्दी समारोह में पीएम मोदी ने जो लक्ष्य इंतजामिया को दिया है।

    अलीगढ़, संतोष शर्मा। पांच दिन बाद हम इस वर्ष को विदा कर नए वर्ष के आगोश मेें चले जाएंगे। ढेर सारी उम्मीद और शुभकामनाओं के साथ। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए यह वर्ष कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा। शताब्दी समारोह में पीएम मोदी ने जो लक्ष्य इंतजामिया को दिया है उस खरा उतरने का यह बेहतर अवसर भी है। अव्वल तो स्वतंत्रता सैनानियों पर शोध के कार्ययोजना बनानी होगी। एक ऐसा प्लान जो भावी पीड़ी के भविष्य का सार्थक बना सके। एएमयू के लिए ये काम इस लिए भी जरूरी है कि बहुत से स्वतंत्रता सैनानी सर सैयद की धरती से ही निकले हैं। मौलाना आजाद लाइब्रेरी में रखी पांडुलिपियों को डिजिटल फार्म में लाने का लक्ष्य भी पीएम ने दिया। लाइब्रेरी में ये काम पहले हो भी रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से चला मंद पड़ गई। इसे फिर से रफ्तार देनी होगी। तभी दुनिया भर में इस धरोहर को धुनिया को दिखा सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब कैसे कहें एएमयू ''कर्जदार''

    शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन ने सबकी बोलती बंद कर दी है। कर्जा मांगने वाले भी अब मौन साधे हुए हैं। नगर निगम ने एएमयू पर 14 करोड़ से ऊपर बकाया निकाला था, वसूली के लिए प्रदेश सरकार तक पैरवी की। डिमांड नोटिस भेजकर 15 दिन का वक्त दिया था बकाया जमा करने के लिए। लेकिन, इसी बीच प्रधानमंत्री का एएमयू में वर्चुअल संबोधन हो गया, जिसकी गूंज विदेशाें तक सुनाई दी। अब निगम की क्या हिम्मत कि समयसीमा समाप्त हाेने पर आगे की कार्रवाई अमल ने ला सके। हालांकि, योजना थी कि अगर बकाया जमा नहीं हुआ तो खाता सीज कर दिया जाए, जैसा पहले किया गया था। लेकिन, परिस्थितियां बदल गई हैं। नगर निगम अधिकारी इस बदले माहौल में किसी तरह का कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते। यही वजह है कि डिमांड नोटिस भेजने के बाद सभी चुप्पी साधे हुए हैं।

    अफसरों के ''केंद्र'' में रहे ''बड़े'' गुरुजी

    यूपी बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया के तहत कॉलेजों के निरीक्षण व सत्यापन की प्रक्रिया 25 दिसंबर को पूरी कर ली गई। 26 दिसंबर को अफसरों ने रिपोर्ट बोर्ड को भेजी। मगर रिपोर्ट बोर्ड को भेजने के दरम्यान कुछ ''''बड़े'''' गुरुजी पूरे दिन अफसरों के ''''केंद्र'''' में रहे। कोरोना काल में परीक्षार्थियों को दूर-दूर बैठाने के चलते परीक्षा केंद्रों के बढ़ने की संभवानाएं भी प्रबल हो गईं। ऐसे में अपने कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनवाने की इच्छाएं भी प्रबलतम रूप से हिलोरे मारने लगीं। हालांकि ''''नकल'''' के तालाब का पानी अब सूख चुका है मगर कुछ ''''बड़े'''' गुरुजी अभी भी इस तालाब की तलहटी में तैरने की इच्छा संजोए हुए हैं। इसलिए सिफारिश की नांव के साथ तालाब में उतरने की उत्सुकता लाजिमी भी है। अब अफसरों व शिक्षकों को यूपी बोर्ड से जारी होने वाली सूची व उस पर आने वाली आपत्तियों का इंतजार है।

    ऐसो प्रधान किस काम कौ

    गांव की सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया है। अब नई सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। चौपाल भी अब देर तक लगती है। दूध निकलने से पहले ही काका तो अघाना सुलगा लेते है। जब तक अघाने में आग बढ़ती है और लोग भी आ जाते हैं। काका बड़ीं चिंता में नजर आते हैं। हर रोज की तरह चुनाव की चर्चा खुद ही शुरू करते हैँ। गुस्से में कहते हैं, काहे का प्रधान जो बजट भी पूरा खर्च न कर पाए। इस बार तो जिले के प्रधान 50 करोड़ से अधिक का बजट खर्च नहीं कर पाए। सरकार जब पैसा देती है तो इन प्रधानों पर काम कराने में क्या आफत आती है? यही कारण है कि गांव के रास्ते और नालियां कीचड़ से भरे हैं। नाली पार करने में बच्चों की मुसीबत आ जाती है। हमें ऐसा प्रधान नहीं चाहिए जो काम न करा पाए।