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अलीगढ़ में बहने लगीं 'दूध' की नदियां, ऐसे मंडराया सेहत पर खतरा

होली का पर्व निकट आते ही शहर से लेकर देहात तक दूध की नदियां बहनी शुरू हो गई हैं। मिलावटखोरों ने सिंथेटिक दूध का निर्माण व बिक्री शुरू कर दी है। नकली खोवा से गुझिया व मिठाइयां तैयार होने लगी हैं।

By Edited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 09:18 AM (IST)
अलीगढ़ में बहने लगीं 'दूध' की नदियां, ऐसे मंडराया सेहत पर खतरा

अलीगढ़ (जेएनएन)। होली का पर्व निकट आते ही शहर से लेकर देहात तक दूध की नदियां बहनी शुरू हो गई हैं। दरअसल, मांग बढ़ते ही मिलावटखोरों ने सिंथेटिक दूध का निर्माण व बिक्री शुरू कर दी है। बड़े पैमाने पर नकली खोवा से गुझिया व अन्य मिठाइयां तैयार होने लगी हैं। इससे सेहत पर खतरा मंडरा रहा है। मुखबिर तंत्र न होने से एफडीए की टीमें भी ऐसी जगह नहीं पहुंच पा रहीं। ऐसे में ग्र्राहकों को खुद सावधान रहने की जरूरत है।

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सफेद दूध का काला कारोबार
मिलावटी दूध तैयार करने के लिए धंधेबाज पहले रिफाइंड, मोबिल ऑयल, तरल जैल आदि में डिटर्जेंट मिलाकर गाड़ा घोल दिया किया जाता है, जिसे स्किम्ड मिल्क पाउडर व दूसरे पदार्थों से बनाए सफेद घोल में मिला दिया जाता है। डिटर्जेंट से चिकनाई पानी के उपर नहीं तैरती। इसी दूध से खोवा तैयार होता है। इसमें रसायन, आलू, शकरकंदी आदि का प्रयोग भी किया जाता है। इसी खोवे की गुझिया व अन्य दुग्ध पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से होती है। एफडीए के अधिकारी पूर्व में खुद ही शहर से सटे इलाकों व गांवों में ऐसी दर्जनों फैक्ट्रियां सीज कर चुके हैं। हालांकि, इस बार टीम मिलावटखोरों तक नहीं पहुंच पा रहीं। कई बार यूरिया के घोल में पाउडर व मोबिल डालकर भी ोसथेटिक दूध तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है। फिर इसी से नकली मावा व पनीर भी तैयार किया जाता है।

ग्र्राहक ऐसे करें मिलावट की पहचान
मिलावटी दूध को जीभ पर रखने से मुंह का स्वाद कसैला हो जाता है। दूध में हल्दी मिलाने पर लाल रंग छोड़े तो समझिए मिलावट है।

खोवा : सफेद या हल्के पीले रंग का खोवा मिलावटी हो सकता है। उसमें स्टार्च व अरारोट आदि मिला हो तो आयोडीन सेल्यूशन डालने पर काला अथवा गहरा नीला हो जाएगा। असली खोवा रगडऩे पर घी छोड़ता है। सूंघने पर सुगंध आती है। नकली खोवा को रगडऩे के बाद थोड़ी देर में सुगंध गायब हो जाएगी।

किडनी व लिवर हो सकते हैं खराब
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.विभव वाष्र्णेय का कहना है कि सिंथेटिक दूध व खोवा से कडनी व लिवर खराब हो सकती है। सेवन से सिर दर्द, चक्कर व पेट दर्द की शिकायत, पेट खराब व आंतों में संक्रमण हो सकता है। बच्चों के लिए यह घातक हो सकता है।

शिकायत पर करते हैं कार्रवाई

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय प्रधान का कहना है कि टीमें लगातार दुकानों पर जाकर नमूने ले रही हैं। सिंथेटिक दूध व खोवा से संबंधित शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई होगी।


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