हाथरस में दुष्कर्म पीडि़ता ने किया टीबी अस्पताल में इलाज कराने से इन्कार aligarh news
परिजनों का कहना है कि स्टाफ का व्यवहार शुरू से ही सही नहीं था लेकिन इलाज कराना जरूरी था।
हाथरस (जेएनएन)। टीबी अस्पताल में शुक्रवार की रात दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी व परिजन सदमे में हैं। पीडि़ता ने अब अस्पताल में इलाज कराने से इन्कार कर दिया है। इसके चलते परिजन बिना इलाज कराए ही घर ले गए। इसे दो माह भर्ती रहने के लिए कहा गया था, लेकिन पहली ही रात वार्ड ब्वॉय ने घटना को अंजाम दे दिया। इस घटना के चलते रविवार को दिनभर अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा। यहां भर्ती अन्य मरीज भी दहशत में हैं।
चंदपा क्षेत्र की रहने वाली यह किशोरी करीब तीन माह से टीबी रोग से पीडि़त है। वह 24 जुलाई को पहली बार टीबी अस्पताल आई थी। इसे चार-पांच दिन भर्ती रखा गया और फिर दवा देकर घर भेज दिया गया था। इसके बाद से कोर्स चल रहा था। परिजनों का कहना है कि स्टाफ का व्यवहार शुरू से ही सही नहीं था, लेकिन इलाज कराना जरूरी था। 23 अगस्त को तबीयत अधिक खराब होने पर उसे अस्पताल लाया गया, जहां अस्पताल में करीब दो माह रहकर इलाज कराने के लिए कहा गया था। लेकिन पहली ही रात वार्ड ब्वॉय शिवनंदन ने सफाईकर्मी विशाल की मदद से दुष्कर्म कर दिया। रिपोर्ट दर्ज कराने तथा चिकित्सकीय परीक्षण के बाद किशोरी ने इलाज के लिए टीबी अस्पताल जाने से मना कर दिया। यह किशोरी 13 नंबर बेड पर भर्ती थी, जो रविवार को खाली था।
घर पर अस्पताल की टीम करेगी इलाज
जिला क्षय रोग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि किशोरी टीबी रोग से पीडि़त है। उसका इलाज जरूरी है। इसके लिए चिकित्सकों की टीम सोमवार को उसके घर भेजी जाएगी, ताकि उपचार किया जा सके। साथ ही परिजनों को समझाया जाएगा कि वे अस्पताल में किशोरी को इलाज के लिए भर्ती कराएं।
डेढ़ घंटे बंद रखा कमरे में
लड़की की मां व वार्ड में भर्ती मरीजों के अनुसार शुक्रवार की रात लड़की को लगभग डेढ़ घंटे तक चिकित्सा अधीक्षक के कमरे में बंद रखा गया। मां व अन्य मरीज उसकी तलाश करते रहे। किशोरी चिकित्सा अधीक्षक के कमरे में बेसुध मिली, जिसे लेकर मां ने जैसे-तैसे रात अस्पताल में काटी। सुबह होते ही दोनों ने अस्पताल छोड़ दिया।
आज होंगे मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान
सोमवार को पीडि़ता हाथरस लाई जाएगी। एएसपी सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि सोमवार को पीडि़ता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराए जाएंगे।
किशोरी में भय, परिजनों में गुस्सा
रविवार को किशोरी अपने घर रही। वह काफी डरी थी। परिजनों में भी गुस्सा है। साथ ही इलाज को लेकर चिंता भी। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। पिता मजदूरी करते हैं। इसके चलते महंगा इलाज इनके लिए आसान नहीं।
स्टॉफ के भरोसे मरीज
टीबी अस्पताल में रात में कोई चिकित्सक नहीं रहता। यह हाल तब है, जबकि यहां कई गंभीर मरीज भर्ती हैं। ये मरीज केवल स्टॉफ के ही भरोसे रहते हैं। मरीजों का मानना है कि किसी चिकित्सक के होने के चलते कर्मचारी अपनी मनमर्जी करते हैं। यदि चिकित्सक होते तो वार्ड ब्वॉय व सफाईकर्मी इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दे पाते।
अक्सर रहती हैं अस्पतालों में दुव्र्यवहार की शिकायतें
सरकारी अस्पताल मरीजों की सुरक्षा को लेकर कतई गंभीर नहीं है। टीबी अस्पताल और जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीज व उनके तीमारदारों से गलत व्यवहार की शिकायतें आए दिन रहती है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कई बार स्टॉफ व लोगों के बीच सही उपचार न मिल पाने के कारण झड़प हो चुकी हैं। कई बार मारपीट तक हुई है। सादाबाद सीएचसी पर भी पिछले ही दिनों टकराव की स्थिति बन गई थी। इन घटनाओं के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कर्मचारियों के व्यवहार सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए। उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के भी इंतजाम नहीं किए गए।
अलीगढ़ का है वार्ड ब्वॉय
दुष्कर्म का मुख्य आरोपित वार्ड ब्वॉय शिवनंदन अलीगढ़ का है। वह बन्ना देवी थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर में रहता है। सफाई कर्मी विशाल हाथरस का ही है। वह टीबी अस्पताल परिसर में ही रहता है। दोनों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। शिवनंदन किशोरी को इंजेक्शन देने के बहाने चिकित्सा अधीक्षक कक्ष में ले गया था। वहीं सफाईकर्मी विशाल ने उसे चाबी उपलब्ध कराई। पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपित खुद को बेकसूर बता रहे हैं। रविवार दोपहर चिकित्सकीय परीक्षण के बाद दोनों आरोपित रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किए गए, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।