अलीगढ़ में बलिदान दिवस के रूप में मनाई राजीव गांधी की पुण्यतिथि
अलीगढ़ में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि को कांग्रेसियों ने बलिदान दिवस के रूप में मनाई। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बतौर प्रधानमंत्री उनके उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला और आंतकवाद के खात्मे का भी संकल्प लिया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी की पुण्यतिथि शनिवार को कांग्रेसियों ने बलिदान दिवस के रूप में मनाई। कांग्रेसियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बतौर प्रधानमंत्री उनके उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला। आंतकवाद के खात्मे का भी संकल्प लिया।
रेलवे रोड स्थित कार्यालय पर जिलाध्यक्ष ठा. संतोष सिंह जादौन के नेतृत्व में राजीव गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व श्रद्धासुमन अर्पित करिए। जिलाध्यक्ष ने कहा, राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने देश में कंप्यूटर यानी संचार क्रांति के युग की शुरुआत की। अनवर अकील, सीता शर्मा, सोमवीर सिंह, सागर सिंह तोमर, पुलकित पाठक (मडराक), प्रदेश उपाध्यक्ष डुंगरू सिंह, बंजारा सिंह, लक्ष्मीनारायण, रेंचो सिंह रजत केला, सोनू पंडित आदि उपस्थित रहे।
राजीव गांधी ने रखी आधुनिक भारत की नींव
मैरिस रोड स्थित जिया कंपाउंड में राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर पूर्व प्रदेश महासचिव रूही जुबैरी ने श्रद्धासुमन अर्पित कर गरीबों को फल वितरण किए। रूही जुबैरी ने कहा, राजीव गांधी 21वीं सदी भारत के निर्माता थे। उन्होंने ही आधुनिक भारत की नींव रखी। वे दूर संचार क्रांति के जनक ते। युवा पीढ़ी उनके पदचिह्नों पर चलें। मो. जियाउद्दीन राही, शहबाज जियाउद्दीन, अनिल वर्मा, जुनैद अहमद, एए बिलगरामी, मुमताज अहमद, वीरेंद्र कुमार, संजीव भारद्वाज, जितिन कुमार आदि उपस्थित रहे।
देश के लिए दिया बलिदान
कांग्रेस के प्रदेश सचिव अखिलेश शर्मा ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है। कहा, राजीव गांधी ने देश के लिए अपना बलिदान दिया। राजीव गांधी ने देश के युवाओं के लिए एक सपना देखा था। वे हमेशा कहते थे कि सबसे बड़ी देशभक्ति इस चीज में है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देश में विकास की कैसी राह तैयार हो रही है। जब वे सूचना क्रांति के लिए दिन-रात काम कर रहे थे, उस समय उनके दिलोदिमाग में युवाओं को एक बेहतर कल देने का संकल्प था। वे हमेशा सोचते थे कि अगर भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करना है तो देश में विज्ञान एवं तकनीक को अपनी पींगें बढ़ानी पड़ेंगी। युवाओं को उसके साथ जोड़ना पड़ेगा।