एएमयू पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति, दो दिन पहले की थी जमकर तारीफ Aligarh news
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की तारीफ करने पर सामाजिक संस्था आहुति के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने आपत्ति जताई है।
अलीगढ़, जेएनएन। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की तारीफ करने पर सामाजिक संस्था आहुति के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने आपत्ति जताई है। कहा, यह पिछले दशक में किसी राजनेता का सबसे निम्न स्तर का बयान है। एएमयू के छात्रों की खुरापाती घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो पूरे देश को पता है। कौन नहीं जानता कि भारत में 1919 में तुर्की के बादशाह कमालपाशा द्वारा समाप्त की गई खलीफा प्रथा का विरोध और उसके बाद अराजकता फैली थी। मुस्लिम लीग की स्थापना से लेकर भारत विभाजन के प्रस्ताव तक, 16 अगस्त 1946 को हुए डायरेक्ट एक्शन-डे, भारत विभाजन के दौरान इस विश्वविद्यालय की क्या भूमिका रही? क्या हमें 1946 में अलीगढ़ के कल्यानगंज में एएमयू छात्रों के उपद्रव को भूल जाना चाहिए। एएमयू में शिक्षित शेख अब्दुल्ला ने कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया था। हाल ही में सीएए के विरोध में ङ्क्षहसक प्रदर्शन से पूरे देश में धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ। देश को बांटने वाले जिन्ना का समर्थन, इससे विवि के बारे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। भारतीय सनातन परपंराओं के मूल्यों का विरोध करने के बाद भी निशंक का एएमयू की विचारधारा का समर्थन करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
ये कहा था केंद्रीय मंत्री ने
केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के परीक्षा केंद्र के वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया था। इस समारोह में कहा था कि एएमयू ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके रग-रग में देशभक्ति का खून है। एएमयू संस्थापक सर सैयद ङ्क्षहदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे। सर सैयद ने जिस उद्देश्य के लिए एएमयू की नींव रखी थी, वो साकार हो रहा है।