बदलते मौसम के साथ बारिश, ओलावृष्टि ने फसलों पर ढाया कहर Aligarh news
मौसम ने गुरुवार देररात अचानक करवट बदल ली। तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों पर कहर ढाया। पकने के लिए तैयार फसलें खेतों में बिछ गईं।
अलीगढ़ [ जेएनएन ] : मौसम ने गुरुवार देररात अचानक करवट बदल ली। तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों पर कहर ढाया। पकने के लिए तैयार फसलें खेतों में बिछ गईं। शुक्रवार को सुबह खेतों पर पहुंचे किसान चिंता में डूब गए। मडराक, पिसावा, इगलास व भवीगढ़ क्षेत्र में खासा नुकसान हुआ। किसानों की कई बीघा गेहंू की फसल बारिश और ओलावृष्टि से गिर गई। हालांकि, आलू किसानों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
रात हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसल गिर गई
जनपद में मौसम रात 12 बजे के बाद बदल गया। तेज आंधी और बारिश से फसलों को जहां नुकसान हुआ वहीं कई स्थानों पर टिन शेड, छप्पर आदि उखड़ गए। बदले मौसम से किसान ज्यादा प्रभावित हुए। पिसावा के गांव दरगवां निवासी किसान छत्रपाल ने बताया कि 20 बीघा में उन्होंने गेहूं किए थे। फसल पर बाली लग चुकी थीं। रात हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसल गिर गई। गांव नगला खूबा निवासी सुभाष चंद्र शर्मा का कहना है कि उनकी 18 बीघा गेहूं की फसल खराब हो गई।
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50 बीघा गेहूं की फसल तेज बारिश में गिर गई
लवकुश कुमार की 21 बीघा और कैलाश बाबू की 50 बीघागेहूं की फसल तेज बारिश में गिर गई। इधर, गांव भवीगढ़ निवासी योगराज ने बताया कि उनके फार्म में खड़ी सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। मडराक के गांव मनोहरपुर कायस्थ के मंगलसिंह ने बताया कि 10 बीघा में उनकी गेहूं की फसल खराब हो गई। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल में दाना पड़ चुका था। फसल गिरने से कम गेहूं निकलने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।
निचले इलाकों में गंदगी, जलभराव
बारिश के चलते शहर के निचले इलाकों में जलभराव के हालात बन गए। निकासी न होने से नालियों का कचरा सड़क पर आ गया। शाहजमाल, नगला मल्लाह, जमालपुर, नई बस्ती, अवतार नगर आदि क्षेत्रों में पानी भर गया।
एसएनए ने कराई सफाई
शुक्रवार को सहायक नगर आयुक्त (एसएनए) ने रामघाट रोड, नुमाइश मैदान व अन्य मार्गों पर साफ-सफाई कराई। सफाई कर्मचारियों को सुबह ही अलग-अलग इलाकों में भेज दिया गया। कांवड़ यात्रा के दौरान प्रसाद वितरण से सड़कों पर फेंके गए दोना, पत्तल आदि हटवाए गए।
आकलन कर मुआवजे का लाभ किसानों को मिलेगा
उप कृषि निदेशक (शोध) वीके सचान, ने कहा कि बारिश से फसल 45 डिग्री तक भी झुकी है तो किसान परेशान न हों, धूप निकलने पर खड़ी हो जाएगी। अगर पूरी तरह गिर गई है तो नुकसान है। ऐसी बीमित फसलों का आकलन कर मुआवजे का लाभ किसानों को मिलेगा।