हाथरस में रात में हुई बूंदाबांदी से बढ़ी़ उमस, सुबह भी छाए रहे बादल
भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। ऐसे में शुक्रवार की देर रात हुई बूंदाबांदी ने उमस बढ़ा दी है जिसके चलते लोग पसीने से तर बतर रहे। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली कटौती ने भी लोगों को परेशान कर दिया है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शुक्रवार की रात में हुई बूंदाबांदी के बाद हवाएं चलती रहीं। सुबह होते ही फिर उमसभरी गर्मी का आलम शुरू हो गया। बिजली के जाते ही लोग घरों व प्रतिष्ठानों में भी पसीना से तरबतर हो रहे थे। वहीं किसान बारिश के लिए आसमान की ओर ताक रहे हैं।
तन को झुलसाने वाली गर्मी से लोग बेहाल
मई माह में पिछले साल पड़ी गर्मी इस साल सबसे अधिक है। तन झुलसाने वाली गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है। शुक्रवार को सुबह से ही बादल छाए हुए थे। कभी धूप तो कभी छांव वाला मौसम रहा। दोपहर में तो आसमान से आग बरसती रही। शाम भी गर्मी से लोग परेशान थे। रात में करीब 11 बजे बूंदाबांदी शुरू हो गई। इससे छतों पर सो रहे लोग अपना बिस्तर उठा घरों में घुस गए। बूंदाबांदी बंद होने के बाद रातभर हवाएं चलती रहीं। इससे गर्मी का असर कम हो गया था।
उमस भरी गर्मी से परेशान रहे लोग
शनिवार को सुबह से ही बादल छाए हुए थे। बादलों की ओट से धूप भी निकल रही थी। रात में बूंदाबांदी होने से उमसभरी गर्मी बढ़ गई। घरों में भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी। पंखा व कूलर भी पसीना को सुखा नहीं पा रहे थे। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दिन अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा।
सूख रही फसलें, लगी बारिश की उम्मीद
भीषण गर्मी से आमजन ही नहीं पशु-पक्षी भी परेशान है। वह पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जलस्त्रोत उनके आश्रय स्थल बने हुए हैं। फसलें भी सूखने लगी हैं। बादल तो दो दिनों से छा रहे हैं। पर बारिश नहीं हो रही है। फसलों में सिंचाई भी कम पड़ रही है। उन्हें बचाने के लिए अब किसान भी आसमान की ओर ताकने लगे हैं।