Neelachal Express Tragedy: 'अफसर मरें तो 50 हजार हमसे लें', रेलवे ने 15 हजार लगाई जान की कीमत तो बोला भाई
Neelachal Express Tragedy दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर सोमना व डांवर स्टेशन के बीच नीलांचल एक्सप्रेस में हुए हादसे में जान गंवाने वाले सुल्तानपुर के हरिकेश का परिवार को रेलवे अफसरों ने 15 हजार मदद की पेशकश की तो भाई बोला कोई अफसर मरे तो 50 हजार हम से ले लें।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Neelachal Express Tragedy रेलवे ने खुद की लापरवाही से खत्म हुए जीवन की कीमत 15 हजार रुपये लगाई तो मृतक के स्वजन आहत हो गए। भाई हरिकेश को गंवाने वाले राकेश बोले, इस तरह किसी अधिकारी की मौत हो तो मुझसे 50 हजार रुपये ले लें। यह कहकर नीलांचल एक्सप्रेस में सब्बल से जान गंवाने वाले यात्री के स्वजन ने 15 हजार की एक्स-ग्रेशिया (कानूनी बाध्यता के बिना सद्भावना स्वरूप दी जाने वाली) राशि ठुकरा दी। jagran.com पर रेलवे की ओर से 15 हजार दिए जाने की खबर पब्लिश किए जाने के बाद देर शाम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
बेटे के मौत पर फूटफूट कर रोए पिता, बोले- अब कैसे चलेगा घर
हरिकेश के बहनोई गौरव त्रिपाठी ने असंतोष जताते हुए एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है। पिता संतराम ने कहा कि उसकी पत्नी है, दो छोटे बच्चे हैं, कैसे परिवार का गुजारा होगा। पत्नी को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाए। दोपहर एक बजे स्वजन शव लेकर रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि अब न्याय की मांग सुलतानपुर जाकर करेंगे। कोई निर्णय होने पर ही अंतिम संस्कार करेंगे।
जांच के लिए रेलवे ने गठित की मंडल स्तरीय कमेटी
- प्राथमिक जांच में हादसे में लापरवाही सामने आने के बाद रेलवे ने मंडल स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।
- टूंडला डीटीएम अमित सुदर्शन की अध्यक्षता में बनी टीम द्वारा दो दिन में जांच पूरी करने की संभावना है।
- शुक्रवार को दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर सोमना व डांवर स्टेशन के बीच नीलांचल एक्सप्रेस में सब्बल से जान गंवाने वाले सुलतानपुर निवासी 30 वर्षीय हरिकेश दुबे दिल्ली से लखनऊ जा रहे थे।
- ट्रैक से उछलकर आया सब्बल उनकी गर्दन में घुसा और सिर को चीरते हुए पीछे के केबिन में पार हो गया।
रेलवे अफसर बोले- अंतिम संस्कार के लिए थे 15 हजार रुपये
हरिकेश के साढ़ू पवन दुबे ने अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। शनिवार सुबह संतराम समेत समेत 20 लोग पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे। यहां रेलवे के सीएमआइ संजय शुक्ला 15 हजार रुपये लेकर पहुंचे थे। उनका कहना था कि इस रकम का क्लेम या अन्य किसी तरह की मदद से लेना-देना नहीं है। यह रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिए जा रहे हैं। पीड़ित परिवार का तर्क था कि पत्र में राशि एक्स-ग्रेशिया के रूप में दी जा रही है। उन्होंने लिखित में यह बात मांगी। इस पर अधिकारी राजी नहीं हुए। करीब चार घंटे तक वार्ता चली, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला।
मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिलाने की मांग
रेलवे के प्रस्ताव में लिखी थी अप्रत्याशित घटना की बात एमआइ जिस प्रस्ताव के साथ पहुंचे थे, उस पर गवाहों के हस्ताक्षर होने थे। इसमें लिखा था कि दो दिसंबर को गाड़ी संख्या 12876 के जनरल कोच (ईसीओ 218661-सी) में यात्री हरिकेश दुबे यात्रा कर रहे थे। इस अप्रत्याशित घटना (अन-टूवर्ड इन्सीडेंट) पर एक्स-ग्रेशिया के रूप में 15 हजार रुपये का भुगतान गवाहों के समक्ष किया गया। एक्स-ग्रेशिया व अप्रत्याशित घटना जैसे शब्दों ने पीड़ित परिवार को आहत कर दिया।
शुक्रवार को अलीगढ़ के पास ट्रेन में हरिकेश की गर्दन में घुस गया था लोहे का राड
सीपीआरओ एनसीआर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि हरिकेश दुबे के स्वजन को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की है। रेलवे की ओर से हर संभव मदद की जाएगी। घटना की जांच के लिए मंडल स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जांच शुरू हो गई है।