अनदेखी के चलते सूख गयी पोखर, फाइलों में दबा पार्क का प्रस्ताव Aligarh news
तालाब पोखरों की सुरक्षा और सुंदरीकरण के लिए योजनाएं तो बनी लेकिन कोई योजना परवान न चढ़ सकी। जल संचय का प्रमुख स्रोत ये जलाशय अनदेखी का शिकार हैं। सासनीगेट क्षेत्र की मायापुरी पोखर इसी अनदेखी के चलते सूख चुकी है।
अलीगढ़, जेएनएन : तालाब, पोखरों की सुरक्षा और सुंदरीकरण के लिए योजनाएं तो बनी, लेकिन कोई योजना परवान न चढ़ सकी। जल संचय का प्रमुख स्रोत ये जलाशय अनदेखी का शिकार हैं। सासनीगेट क्षेत्र की मायापुरी पोखर इसी अनदेखी के चलते सूख चुकी है। लोगों ने प्लॉट काट लिए, मकान तक बन गए। यही नहीं, डलावघर तक यहां बन चुका है। जबकि, यहां पार्क बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे नगर निगम अधिकारियों ने देखा तक नहीं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यहां पार्क बन जाए तो न सिर्फ गंदगी से छुटकारा मिलेगा, कब्जे भी नहीं होंगे।
21 पाेखरें हैं शहर में
नगर निगम के रिकार्ड में शहरभर में 21 पाेखरें हैं। इनमें पांच सूख चुकीं, छह पर कब्जे हो रहे हैं। इन्हीं में एक सासनीगेट क्षेत्र की मायापुरी पोखर है, जो कभी पानी से लबालब थी। यहां बतखों को झुंड तैरता दिखाई देता था। चार बीघा में से अधिक में फैली इस पोखर का दायरा अब सिमटता जा रहा है। लोगों ने यहां प्लॉट काटकर बेच दिए, फर्जी बैनामे हो गए। कुछ के मकान भी बन चुके हैं। कूड़ा पड़ना शुरू हुआ तो पानी सूखता गया। वर्ष 2004 में नगर निगम ने यहां दुकानें बनवा कर किराए पर उठा दीं। इसके बाद विद्युत विभाग के दो ट्रांसफार्मर लग गए। बीते साल ही पोखर में ट्यूबवेल लगाकर अमृत योजना के तहत बिछाई गई वाटर लाइन से कनेक्शन करा दिया गया। लाइन भी ऐसी डाली गई, जिसमें कई लीकेज हैं। ट्यूबवेल से गंदा पानी आने की शिकायतें हुईं। मगर सुनवाई नहीं हुई। वर्तमान में पोखर का 80 फीसद हिस्सा सूखा चुका है, जहां कूड़ा-करकट जमा है। क्षेत्रीय पार्षद सुबोध वार्ष्णेय ने बताया कि पोखर के सुंदरीकरण और पार्क का प्रस्ताव कई बार बोर्ड मीटिंग में रखा गया, लेकिन अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने कहा कि पोखर का निरीक्षण कराकर इसे विकसित करने की योजना बनाई जाएगी।