Shiv Puran: कथावाचक पं बिहारीलाल महाराज बोले, महिलाएं पति की इच्छा के विरुद्ध न करें कोई काम, भोलेनाथ सती से क्यों हुए रुष्ट, तस्वीरों के साथ पढ़ें खबर
वृन्दावन धाम से आए कथावाचक पंडित बिहारीलाल महाराज ने रामघाट रोड जीबीएम माल के पास विनय नगर में आयोजित शिव पुराण कथा में शिव विवाह और अनसुइया व सती की कथा का ऐसा वर्णन किया कि महिलाएं भाव विभोर हो गईं।
अलीगढ़, जेएनएन। वृन्दावन धाम से आए कथावाचक पंडित बिहारीलाल महाराज ने रामघाट रोड जीबीएम माल के पास विनय नगर में आयोजित शिव पुराण कथा में शिव विवाह और अनसुइया व सती की कथा का ऐसा वर्णन किया कि महिलाएं भाव विभोर हो गईं। खास बात यह है रही कि मौजूदा समय में भीषण गर्मी पड़ रही है, मगर श्रद्धालुओं ने इसकी परवाह नहीं की।
कथा प्रवक्ता बिहारीलाल महाराज के प्रवचन सुनने के लिए भक्त आखिर तक जमे रहे। उमस भरी गर्मी से निबटने के लए आयोजकों ने पंखा व कूलर आदि का इंतजाम कर रखा था।
मगर प्राकृतिक गर्मी अपना असर दिखाती रही। कथा शुरू होने से लेकर आखिर तक श्रद्धालुओं से खचाखच भरे पंडाल में महिलाएं, पुरुष व बुजुर्ग टस से मस नहीं हुए। शिव भक्ति की ऐसी लहर बही कि पूरा माहौल शिवमय हो गया।
सती ने कहा, मैं अगले जन्म में शिव की ही पत्नी बनूं
शिव पुराण कथा में महाराज ने बताया कि एक बार जब सती को शंका हुई कि ये राम भागवान नहीं है, क्योंकि भगवान होते तो अपनी सीता के वियोग में वन वन ना भटकते और ना ऐसे रोते। फिर सती बोली शिवजी से कि प्रभु इनकी परीछा लेके आती हूं। शिव ने मना किया पर सती नहीं मानी। राम के सामने सीता का रूप रखके खड़ी हो गयी। राम बोले है मां आप वन में अकेली कैसे। मेरे गुरु शंकर भगवान नहीं आये तो सती घबड़ा गयीं।
शिव जी के पास पहुंची तो शंकर जी बोले आओ सीता माता कैसे आना हुआ। फिर सती ने अपने आप को हवन कुंड में कूद कर देह त्याग कर दिया। मरने से पहले प्रतिज्ञा कि मैं हर जन्म में शिवजी की पत्नी बनूं। अगले जन्म में वो गोरा यानी पार्वती के नाम से जन्मी और फिर शंकर भगवान से विवाह किया। इस कथा से हमको ये सीखने को मिलता है कि कभी भी स्त्री को पति की इच्छा के बिना कोई काम नहीं करना चाहिए।
शिव विवाह में झूमे भक्त
शिवमय भक्ति के बीच संगीतमय कथावाचक पंडित बिहारीलाल महाराज ने ऐसा शिवविवाह का ऐसा वर्णन किया कि भजनों पर भक्त झूूूूमने को मजबूर हो गए।
शिवविवाह के दौरान वृंदावन से आए कलाकारों ने भजनों के बोलों पर तान से तान मिला दी। इससेे श्रद्धालु खुद को नृत्य करने से नहीं रोक पाए। पं आलोक शास्त्री के मंत्रों के बीच कीबोर्ड पर हरवीर, भारत, धर्म व वीपी सिंह ने ऐसे जुगलबंदी की कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
भक्तों ने कथावाचक बिहारीलाल महाराज का किया अभिनंदन
अलीगढ़ के अलावा आसपास के जनपदों से आए श्रद्धालुओं ने कथा प्रवक्ता बिहारीलाल महाराज का अभिनंदन किया। इनमें समाजसेवाी शैलेंद्र भान पचौरी, डा पंकज सिंह, अरविदं चौधरी, राष्ट्र गौरव शर्मा, सतीश बाबू जादौन, शिवदत्त शर्मा उमेश चंद्र शर्मा, नीरज यादव आदि शामिल रहे।
ये रहे मौजूद
इस दौरान भक्ताेेंं ने सितंबर व अकटूबर माह में हाेने वाली रामकथा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।शिवपुराण कथा के समय वीपी सिंह, आयोजक बी.पी राघव, गजेंद्र सिंह राघव, सुरेंद्र सिंह,विवेक चौहान, संजू चौहान, सत्यपाल सिंह जादौन, अनिल कुमार सिंघल, दुष्यंत सेंगर, रीनू पुंडीर, राकेश पुंडीर, डा किसान पाल सिंह, पंडित आरके शर्मा, अनिल, कोमल कांत गर्ग, डा शैलेंद्र वार्ष्णेय, जगदीश चौहान, गिरीश कांत, संजय शर्मा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।