AMU में मार्च निकालकर जताया CAA का विरोध, महिलाएं तिरंगा लेकर उतरीं सड़कों पर Aligarh News
सीएए के खिलाफ मंगलवार को तीन मार्च निकाले गए। छात्र महिला व डॉक्टरों ने अलग-अलग मार्च निकालकर सीएए एनपीआर का विरोध जताया।
अलीगढ़ [जेएनएन]। एएमयू में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मंगलवार को तीन मार्च निकाले गए। छात्र, महिला व डॉक्टरों ने अलग-अलग मार्च निकालकर सीएए, एनपीआर का विरोध जताया। एएमयू में बाबे सैयद पर छात्र-छात्राओं का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। छात्रों को समझाने के लिए कुलपति प्रो. तारिक मंसूर की पत्नी डॉ. हामिदा तारिक भी पहुंचीं, लेकिन छात्रों ने बात नहीं मानी।
कैंपस में निकाला मार्च
एएमयू में 15 दिसंबर को हुए बवाल के बाद से ही धरना जारी है। सीएए के विरोध के साथ छात्र कुलपति व रजिस्ट्रार के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं। कैंपस में पुलिस कार्रवाई को लेकर छात्रों में गुस्सा हैं। मंगलवार को सबसे पहले सैयद हामिद सीनियर सेकेंडरी (प्लस टू) स्कूल के छात्रों ने दोपहर में कैंपस में मार्च निकाला। बाबे सैयद पर उन्होंने इंतजामिया के खिलाफ नारेबाजी की। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल कार्यालय से रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने बाबे सैयद तक मार्च निकाला। डॉक्टरों ने सीएए के विरोध के साथ कुलपति के इस्तीफे की भी मांग की। महिलाओं ने कैंपस में मार्च निकाला।
मोदी व शाह पर दिया आपत्ति जनक बयान
धरने में पहुंचे डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता गोहर रजा की जुबान फिसल गई। उन्होंने पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेकर आपत्ति जनक बयान दिया। कहा, बांटने की राजनीति की हदें हुआ करती हैं। मोदी और अमित शाह ने सोचा था कि सीएए लगाएंगे और जो कुछ गड़बड़ एनआरसी लगाने से असम में हुई है। वो सब बच जाएगा। आपत्तिजनक बातें कहते हुए कहा कि अंग्रेजों ने बांटने की पॉलिसी इस देश में चलाई थी। वही ये दोनों कर रहे हैं। इन्होंने सोचा था कि सब डिवाइड हो जाएंगे। इन्हें अंदाजा नहीं था कि असम ही जल उठेगा। 2014 में जब ये सरकार आई थी, तभी पता चल गया था ये क्या करेगी? सारी कल्पनाएं हमारे व मुल्क के सामने हैं। इस मुल्क का नौजवान जाग ही नहीं, जगा भी रहा है।