यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : रालोद में प्रत्याशी को लेकर फूटे विरोध के स्वर, सपा में टिकट को लेकर हो रहा मंथन
रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी वीरपाल दिवाकर को टिकट मिलने की घोषणा के बाद पार्टी में विरोध भी शुरू हो गया है। स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ टिकट की लाइन में लगी प्रीति धनगर के आवास पर रविवार को बैठक में टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई गई।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी वीरपाल दिवाकर को टिकट मिलने की घोषणा के बाद पार्टी में विरोध भी शुरू हो गया है। स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ टिकट की लाइन में लगी प्रीति धनगर के आवास पर रविवार को बैठक में टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई गई।
पूर्व विधायक त्रिलोकीराम दिवाकर ने कहा कि मैंने पार्टी के लिए सबकुछ किया। पूरी मेहनत सेवा की। टिकट की दावेदारी मैंने भी की, लेकिन पार्टी ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। इससे कार्यकर्ता भी नाराज हैं। क्योंकि उन्होंने पार्टी के हित में पानी की तरह पैसा भी बहाया। उनकी मेहनत को दरकिनार किया गया है। बैठक में पूर्व प्रत्याशी सुमन दिवाकर ने कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ सालों से पार्टी की सेवा कर रही हैं। पार्टी के संघर्ष में शामिल रही हैं। इस मौके पर वीरेंद्र बघेल, प्रीति धनगर, पप्पू नेताजी, नितिन चौधरी, ऋषि चौधरी, नबाब सिंह, विकास चौधरी, सौरभ, रामवीर दिवाकर, बॉबी, प्रेम बघेल, गुड्डू बघेल आदि थे।
रालोद के खाते में सात में तीन टिकट
सपा-रालोद गठबंधन में जिले की सात विधानसभा सीटों में से चार सपा और तीन रालोद के खाते में आईं हैं। रालोद ने इगलास से वीरपाल दिवाकर, खैर से भगवती प्रसाद सूर्यवंशी और बरौली से प्रमोद गौड़ को मैदान में उतारा है। जबकि सपा ने शहर सीट से पूर्व विधायक जफर आलम, अतरौली से पूर्व विधायक वीरेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। अभी कोल और छर्रा सीट पर प्रत्याशी का फैसला नहीं हो सका है। इसके लिए सुबह से लखनऊ में मंथन चल रहा है। दावेदार लखनऊ में ही डेरा डाले हुए हैं। देर शाम तक प्रत्याशी के नाम पर मुहर लग सकती है। सपा ने कोल से पहले सलमान शाहिद को प्रत्याशी बनाया था, हालांकि उन्हें बी फार्म नहीं मिल पाया था। इस कारण इस सीट पर विवाद बढ़ता चला गया। अब पार्टी किसे प्रत्याशी बनाती है, अब यह देखना होग्रा।