मोदी-योगी पर गरजे नेता, बोले- गिरफ्तार करके दिखाए पुलिस
सासनीगेट के लोधीपुरम निवासी महेद्र सिंह माहौर के बेटे नितिन माहौर की 17 नवंबर-17 को सिपाही मनीष शर्मा की कारबाइन से चली गोली से मौत हो गई थी।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : नितिन हत्याकांड को लेकर कलक्ट्रेट पर चल रहे आमरण अनशन पर मंगलवार को पूर्व सांसद चौ. बिजेद्र सिंह, एआइसीसी सदस्य श्यौराज जीवन व पूर्व विधायक जमीर उल्लाह पहुंचे तो उनका जोश दोगुना था। वो ये दिखाने को भी यहां जुटे थे कि पुलिस उन्हे गिरफ्तार करके दिखाए। सोमवार को हुए प्रदर्शन व डीएम की कुर्सी कब्जाने मे इन नेताओ के साथ 600 लोगो के खिलाफ सिविल लाइंस थाने मे दो रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। दूसरे दिन भी मोदी व योगी सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली गई। आगामी लोकसभा चुनाव मे भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के लिए हुंकार भी भरी।
सासनीगेट के लोधीपुरम निवासी महेद्र सिंह माहौर के बेटे नितिन माहौर की 17 नवंबर-17 को सिपाही मनीष शर्मा की कारबाइन से चली गोली से मौत हो गई थी। सिपाही समेत चार लोगो को नामजद किया गया था। सिपाही को जेल भेज दिया गया। अन्य आरोपियो की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सर्वदलीय कोरी समाज संघर्ष समिति की अगुवाई मे कलक्ट्रेट पर धरना दिया जा रहा है। मंगलवार को धरने पर पहुचे नेताओ ने पुलिस के सामने ही हुंकार भरी। निशाने पर भाजपा सरकार रही। कहा, दलित और मुसलमानो पर अत्याचार हो रहे है। झूठ वादे करके आई सरकार ने कोई भला नही किया। भाजपा नेताओ के इशारे पर मुकदमा दर्ज होने का आरोप भी लगाया। एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन भी धरनास्थल पर पहुंचे और मोदी सरकार पर भड़ास निकाली। उलार प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के बिल्लू चौहान व आनंद शास्त्री ने भी समर्थन देने की बात कही।
यह रहे मौजूद : रालोद के पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, जिलाध्यक्ष राम बहादुर चौधरी, संयोजक जगदीश माहौर, कांग्रेस नेता राजेश जीवन, गिरवर शर्मा, पूर्व ब्लॉक प्रमुख जवां विमला राज, जिया उर रहमान, हाजी अरशान खान, पार्षद माशा अल्लाह, हाफिज अब्बासी, सद्दाम हुसैन, अकरम, शकील, संतोष कुमार एडवोकेट, दिलीप करोती, संदीप वाल्मीकि, इंद्रदेव चौहान, मोहम्मद चाहत खान, शेख फरान, प्रेम नारायण माहौर आदि। प्रदर्शन व हंगामे की आशंका को लेकर धरनास्थल के आसपास बड़ी संख्या मे पुलिस तैनात रही।
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बोले नेता
लोकतंत्र मे जनता के हक की लड़ाई लड़ने मे मुकदमा दर्ज होना नेताओ के लिए श्रृंगार जैसा है। सांसद, विधायक व सभी बड़े पदो पर भाजपाई आसीन है, किसी ने नितिन के परिजनो की मदद नही की।
चौ. बिजेद्र सिंह, पूर्व सांसद व जिलाध्यक्ष कांग्रेस
मुकदमा दर्ज कराकर मुझे डराने की कोशिश की गई है। इस कदम से गरीबो की आवाज को दबाया नही जा सकता है। ¨हदू-मुसलमान की बात करने वाले लोग खुद ¨हदुओ व दलितो पर अत्याचार कर रहे है।
जमीरउल्लाह खां, पूर्व विधायक
अफसरो ने हिटलरशाही तरीके से मुकदमा दर्ज कराकर गरीब, मजलूमो की आवाज को दबाने का काम किया है, जिसे किसी कीमत पर सहन नही किया जाएगा।
श्यौराज जीवन, कांग्रेस नेता
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एसपी सिटी कार्यालय पर प्रदर्शन
नितिन हत्याकांड को लेकर चल रहे धरना-प्रदर्शन के क्रम मे मंगलवार को कांग्रेसियो ने एसपी सिटी दफ्तर का घेराव कर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियो पर हुए मुकदमे को खारिज करने और क्वार्सी क्षेत्र से लापता वाल्मीकि समाज की किशोरी को बरामद करने की मांग भी उठाई। एसपी सिटी की गैरमौजूदगी मे एसीएम प्रथम रामसूरत पांडेय को ज्ञापन सौपा गया। उप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेश राज जीवन ने कहा कि नितिन की हत्या के मामले मे भी पुलिस आरोपियो को बचाने का प्रयास कर रही है। धरने पर बैठी महिलाओ पर लाठीचार्ज किया जाता है। नेताओ पर दर्ज रिपोर्ट वापस लेने की भी मांग की।
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जांच के लिए एसआइटी गठित
नितिन हत्याकांड की जांच के लिए एसएसपी राजेश पांडेय ने स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) गठित की है, जिसमे फॉरेसिक एक्सपर्ट, क्राइम ब्रांच के अधिकारी व पुलिस को शामिल किया गया है। पीडि़त पक्ष की ओर से भी एक सदस्य को शामिल होने के लिए कहा गया था, मगर पीडि़त पक्ष राजी नही हुआ। पीडि़त पक्ष से यह भी कहा कि वह चाहे तो गैर जिलो की पुलिस, सीबीसीआइडी आदि से भी जांच करा ले, हम मुकदमा ट्रांसफर कर देगे। किसी निर्दोष को फंसने नही दिया जाएगा।
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दर-दर भटक रहे गनर के मां-बाप
नितिन की हत्या मे जेल गए सरकारी गनर मनीष शर्मा का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। बेटे से मिलने बागपत से आए मां-बाप तीन दिन से शहर मे पैदल ही भटक रहे है। मंगलवार को जेल मे बेटा से मुलाकात हो सकी। बेटे को बेगुनाह बताकर मां-बाप ने पुलिस अधिकारी, राजनेताओ के भी चक्कर काटे है, मगर कोई उम्मीद नजर नही आ रही। सर्द रात मे कभी रैन बसेरा तो कभी थाने मे ही सो जाते है। बीमार पत्नी मंजू के साथ अलीगढ़ पहुंचे बागपत जिले के कस्बा अमीनगर सराय निवासी राकेश शर्मा ने बताया कि तीन बच्चो मे मनीष (22) बड़ा है। इससे छोटा विशाल बीएससी कर रहा है, सबसे छोटी बेटी 11वी मे है। कुछ खेत है, यही आय का जरिया रहा। बच्चो को पढ़ाया, लिखाया। 2015 मे जब मनीष बीएससी कर रहा था, तभी नौकरी लगी। पहली पोस्टिंग अलीगढ़ मे मिली। बेटे की नौकरी लगने से परिवार की आय बढ़ गई। तकलीफे दूर होने लगी। मनीष के रिश्ते भी आने लगे। 17 नवंबर के उस हादसे ने सारी खुशियो पर पानी फेर दिया। राकेश ने बताया कि वो महज एक हादसा था, जिस पर राजनीति हो रही है। 15 दिन पहले नितिन के परिवार से मिलने गए थे, मगर बात करने से मना कर दिया। कलक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन के दौरान भी मौजूद रहे। किसी तरह उन लोगो को अपनी बात समझा सके, मगर कोई सुनने का तैयार नही हुआ।
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कलक्ट्रेट पर हुए हंगामे की रिपोर्ट जिन धाराओ मे लोगो के खिलाफ दर्ज कराई गई है, वे जमानतीय है। इसलिए किसी की गिरफ्तारी नही की गई है। पुलिस सभी पहलुओ की जांच कर रही है।
राजेश कुमार पांडेय, एसएसपी