सीएम पोर्टल पर सुलझ गईं समस्याएं, हकीकत में कायम! Aligarh News
जनसुनवाई पोर्टल फिलवक्त गलत आंकड़ेबाजी के चलते मजाक बन गए हैं। सरकार की मंशा थी कि पोर्टल से लोगों की भागदौड़ बचेगी और घर बैठे न्याय मिलेगा लेकिन अफसरों की उदासीनता से इन शिकायतों
अलीगढ़ (जेएनएन)। बुनियादी समस्याओं के समयबद्ध और समुचित समाधान के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल फिलवक्त गलत आंकड़ेबाजी के चलते मजाक बन गए हैं। सरकार की मंशा थी कि पोर्टल से लोगों की भागदौड़ बचेगी और घर बैठे न्याय मिलेगा, लेकिन अफसरों की उदासीनता से इन शिकायतों का फर्जी निस्तारण हो रहा है। सरकारी जमीन पर कब्जा हो या फिर शहर में सफाई की समस्या। अफसर व उनके अधीनस्थ बिना मौके पर जाए ही फर्जी निस्तारण कर रहे हैं। ऐसे में लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। वह सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हैं। दैनिक जागरण ने कुछ ऐसे ही मामलों की पड़ताल की है, ताकि अफसरों की लापरवाही सामने आए और सुधार से आम जन को व्यवस्था परिवर्तन का अहसास हो।
डीएम की सख्ती से सुधार
डीएम की सख्ती से पिछले महीनों के मुकाबले अब सुधार आया है। शिकायतों के निस्तारण में पहले जिला 50वें नंबर से नीचे रहता था, लेकिन अब अगस्त में 30वें नंबर पर रहा था। शासन स्तर से हर महीने रंैकिंग जारी होती है। टॉप 10 जिलों को बेहतर स्थिति में माना जाता है। फर्जी निस्तारण से भी जिले की रंैकिंग गिरती है।
लखनऊ से होती है क्रॉस चेकिंग
जनसुनवाई व सीएम पोर्टल पर शिकायत अपलोड होने के बाद इसका डाटा लखनऊ भी जाता है। वहां से शिकायत निस्तारण पर एक फोन आता है। इसमें शिकायतकर्ता संतुष्ट व असंतुष्ट के रूप में अपनी बात दर्ज कराता है।
नगर आयुक्त को भेजी शिकायत
शहर के सूतमिल क्षेत्र के गुरुराम दास नगर निवासी अतुल गोयल ने पिछले दिनों जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी। डीएम ने इसे नगर आयुक्त को भेज दिया, लेकिन अब तक शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ है। जबकि विभागीय अफसरों ने इस समस्या के निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी है।
कागज में शिकायत का निस्तारण
टप्पल ब्लॉक की ग्राम पंचायत हजियापुर निवासी मुकेश कुमार ने भी जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। डीएम ने इसे विभागीय अफसर डीपीआरओ को भेज दिया। डीपीआरओ ने सफाई कर्मचारी होने की बात कहते हुए निस्तारण कर दिया, लेकिन अब तक कोई भी सफाई कर्मी गांव में नहीं हैं।
निस्तारण रिपोर्ट लगाई
थाना जवां के सिया खास के दिव्यांग शांति स्वरूप ने जमीन पर कब्जे की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि उनकी जमीन गाटा संख्या 232 पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। डीएम ने इस शिकायत को एसडीएम कोल को भेज दिया, लेकिन उन्होंने भी बिना टीम को मौके पर भेजे निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी।
पोर्टल की निरंतर हो रही समीक्षा
डीएम चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि जनसुनवाई पोर्टल की निरंतर समीक्षा होती है। इसमें खामी मिलने पर चेतावनी भी दी जाती हैं। अगर कहीं भी फर्जी निस्तारण होता है तो फिर कार्रवाई भी होगी। सरकार का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है।