Aligarh News: जेल में बंद कैदी ऐसे रख रहे सेहत का ध्यान, जिम के लिए खुद तैयार की हैं हैंडमेड मशीनें
यूपी की अलीगढ़ जेल में बंद कैदी अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए जिम योग क्रिकेट खेलकर रख रहे हैं। दहेज हत्या के मामले में बंद यासीन जिम के कोच हैं। जिला कारागार में वर्तमान में 3800 कैदी-बंदी हैं।
अलीगढ़, सुमित शर्मा: आज के जमाने में सेहत बनाने के लिए हर कोई फिक्रमंद है। फिर, जिला कारागार में बंद बंदी पीछे कैसे रह सकते हैं। कोरोना काल से उबरने के बाद बंदी सेहत पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। कोई योगा कर रहा है तो कोई क्रिकेट खेलकर शरीर को चुस्त दुरुस्त रख रहा है। वहीं कुछ बंदी जेल की जिम में पसीना बहाकर सेहत बना रहे हैं। खास बात ये है कि जिम में लगी सभी मशीनें हैंडमेड हैं।
जिला कारागार में वर्तमान में 3800 कैदी-बंदी हैं। कोरोना काल में लंबे समय तक जिला कारागार में सभी गतिविधियां बंद रही हैं। इससे बंदी भी तनावग्रस्त होने लगे। वहीं कोरोना काल के खत्म होने के बाद जेल प्रशासन की ओर से तमाम खेल गतिविधियां कराई जा रही हैं।
एक तरफ बंदी सुबह उठकर योग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ जेलर खुद उन्हें व्यायाम कराते हैं और ताली बजवाते हैं। इसी क्रम में वर्ष 2016 में जेल में बनी जिम में इन दिनों 65 बंदी सेहत बना रहे हैं।
यहां तीन शिफ्टों में बंदी कसरत कर रहे हैं। सुबह सात से नौ बजे तक, जबकि शाम को चार से पांच बजे तक बंदी जिम में आते हैं। तेज गर्मी में भी उनके जज्बे में कोई कमी नहीं है। यहां दहेज हत्या के मामले में बंद यासीन जिम के कोच हैं। जिम में साइकिल, वेट लिफ्टिंग, बॉक्सिंग बैग आदि कई मशीनें हैं।
बंदियों ने बनाईं मशीनें
डिप्टी जेलर आफताब अंसारी ने बताया कि सभी मशीनें हैंडमेड हैं। इन्हें बंदियों के ही प्रयासों से बनाया गया है। जेल में पड़े स्क्रैप, पाइप आदि से बंदियों ने बेंच प्रेस जैसी मशीनें खुद ही तैयार की हैं। इसके अलावा साइकिल, डंबल और वेट बाजार से मंगाए गए हैं।
इनका कहना है
बंदियों को तनावमुक्त रखने के लिए तरह-तरह की गतिविधियां कराई जा रही हैं। इसी क्रम में बंदी योगा आदि करते हैं। इसके अलावा शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए जिम में भी बंदी कसरत कर रहे हैं। -पीके सिंह, प्रभारी वरिष्ठ जेल अधीक्षक व जेलर