बिकेगी अंग्रेजों के जमाने की जेलः 1807 में अंग्रेजों ने 23 एकड़ में बनाई थी अलीगढ़ जेल aligarh news
शहरों के बीच बनी जेलों को बेचकर इसी रकम से 20 किमी दूर नई जेलें बनाई जाएं। अलीगढ़ में जेल शहर के बीच है जो सुरक्षा की दृष्टि से तो संवेदनशील है ही पर्याप्त स्थान भी नहीं है।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़। प्रदेश सरकार की योजना पर अमल हुआ तो अलीगढ़ में बनी अंग्रेजों के जमाने की जेल बिक जाएगी। जी हां, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों की सुरक्षा के दृष्टिगत ऐसे ही कुछ अहम फैसले लिए हैं। कहा है, शहरों के बीच बनी जेलों को बेचकर इसी रकम से 20 किमी दूर नई जेलें बनाई जाएं। अलीगढ़ में जेल शहर के बीच है, जो सुरक्षा की दृष्टि से तो संवेदनशील है ही, पर्याप्त स्थान भी नहीं है। अब प्रशासन के सामने जमीन तलाशना चुनौतीपूर्ण होगा। क्योंकि, मानक के अनुसार जेल के लिए 100 एकड़ भूमि चाहिए।
23 एकड़ में बनी है यह जेल
1807 में अंग्रेजों ने इस जेल का निर्माण कराया था। यहां 25 बैरकों में 1148 बंदी रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में 3100 बंदी हैं। तय मानकों पर भी जेल खरी नहीं उतर रही। 1000 बंदी पर 60 एकड़ भूमि का मानक है, जबकि जेल 23 एकड़ में बनी है। जिसमें मात्र 15 एकड़ अंदर की भूमि है और आठ एकड़ बाहर की, इसमें आवास आदि बने हैं। हाथरस में जेल न होने से वहां के बंदी भी यहीं रखे जाते हैं, जिससे दिक्कतें बढ़ गई हैं।
ऐतिहासिक धरोहर संजोए हुए है जेल
जिले में 25 बैरक हैं। इनमें से बैरक संख्या एक, दो और तीन से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। ये उसी रूप में हैं, जैसे 1807 में थीं। इनमें क्रांतिकारियों को रखकर प्रताडि़त किया जाता था। अधिकारी बताते हैं कि जेल में बस यही धरोहर रह गई है, बाकी तो सब परिवर्तित हो चुका है। गोलाकार छतें, मोटी दीवारें, लोहे का मजबूत गेट, ये इन बैरकों की पहचान है। बैरक की जानकारी देता अंग्रेजों का पत्थर आज भी यहां लगा है। जिसमें बैरक का क्षेत्रफल, संख्या, बंदियों की संख्या आदि लिखी हुई है। 36 फीट लंबी एक बैरक में 42 बंदियों को रखने की क्षमता है। अब हालत देखिए, डेढ़ सौ बंदी रह रहे हैं।
ये हैं मानक
बंदी, क्षेत्रफल (जेल)
1000, 60 एकड़
2000, 80 एकड़
3000, 100 एकड़
सिर्फ निर्देश का इंतजार
वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि जेल में पर्याप्त स्थान नहीं है। क्षमता से अधिक बंदी हैं। पहले भी जेल को कहीं अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की बात चली थी। वर्तमान में सरकार से अभी कोई निर्देश मिले नहीं हैं। मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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