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गरीब की दाल गलने नहीं दे रहे बिचौलिए, 10 से 15 फीसद दाल के भाव में आई गिरावट

कोरोना संकट के चलते आमजन की बिगड़ी अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी-योगी सरकार पूरी ताकतत झोंके हुए हैं मगर बिचौलिया कारोबारी गरीबों के घर दाल नहीं गलने दे रहे। थोक दाल मंडी महावीर गंज में 10 दिन पहले अरहर की दाल 120 रुपया प्रतिकिलो तक बिकी।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 04:28 PM (IST)
गरीब की दाल गलने नहीं दे रहे  बिचौलिए,  10 से 15 फीसद दाल के भाव में आई गिरावट
दाल के भावों में आ रहे अंतर का कारण लोग समझ नहीं पा रहे

मनोज जादौन, अलीगढ़ : कोरोना संकट के चलते आमजन की बिगड़ी अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी-योगी सरकार पूरी ताकतत झोंके हुए हैं, मगर बिचौलिया कारोबारी गरीबों के घर दाल नहीं गलने दे रहे। थोक दाल मंडी महावीर गंज में 10 दिन पहले अरहर की दाल 120 रुपया प्रतिकिलो तक बिकी। फुटकर व्यापारियों ने बाजार में इसे 140 रुपया प्रतिकिलो तक बेचा। अब बाजार में यही दाल मंडी में 100 रुपया प्रतिकिलो बिकी। सस्ती होने पर भी विचौलियों ने पैसा कम नहीं किया। मुनाफा खोरी के चलते गरीब के घर दाल कहां गलेगी। इसी तरह अन्य दालों पर भी रेट कम हुए हैं। 

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यह था हाल 

महानगर की थोक दाल मंडी में 10 दिन पहले तक दाल के दाम आसमां पर थे। मासिक राशन लेने वालों ने जब दाल के पर्चे पर कटौती की तो बाजार से मांग भी घट गई। केंद्रीय रसद मंत्रालय ने दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सख्ती की। इसका असर जल्द ही बाजार में दिखने लगा। बाजार में दाल की कीमतें भले ही कम हो गई हों, मगर कॉलोनी, विभिन्न बाजारों में कीमतें कम नहीं हुई हैं। इस मुनाफा खोरी की ओर प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है। 

एक दाल-रेट अनेक

महावीर गंज से नौरंगाबाद व दुबे पड़ाव से रामघाट रोड तक एक ही दाल के रेट अलग अलग मिल रहे हैं। महावीर गंज में अरहर की दाल फुटकर बाजार में 110 रुपया किलो मिल रही है, वहीं गुणवत्ता की नौरंगाबाद में 130 रुपया प्रतिकिलो मिल रही है। दुबे के पड़ाव पर 125 रुपया प्रतिकिलो तो रामघाट रोड के किनारे कॉलोनी व मोहल्लों में 140 रुपया प्रति किलो तक बिक रही है। 

मसूर की दाल के रेट स्थिर

अरहर के साथ उड़द, मूंग, चना की थोक बाजार में 20 रुपया प्रति किलो की गिरावट आई हो, मगर मसूर की दाल के रेट स्थिर हैं। मटर भी यथावत हैं। डॉलर चना पर 15 रुपया प्रतिकिलो की गिरावट आई है।

सरकारी दाल वितरण से रेट है काबू में

दाल के रेट काबू में होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण सरकारी राशन की दुकानों पर चना का वितरण होना सबसे बड़ा कारण भी बताया गया है। महावीरगंज खाद्यान व्यापार मंडल के महामंत्री विशाल भगत ने कहा कि कोरोना संकट के चलते सरकार गरीब व जरुरत मंदों की मदद कर रही है। सरकारी राशन की दूकान पर चावल व दाल भी फ्री दी। इसके चलते बाजार में मांग भी घटी है। कीमतें काबू में आई हैं।

आलू की तेजी ने दाल की कीमतों में लगाई आग

सब्जियों का राजा आलू फुटकर बाजार में 40 रुपया प्रतिकिलों से कम नहीं बिक रहा है। अन्य सब्जियों की कीमत भी आसमां पर हैं। आलू की कीमतों ने दाल की कीमतों में आग लगाने का काम किया है। महंगी सब्जी होने के चलते ग्राहक दाल लेना पसंद कर रहा है।

रेट लिस्ट एक नजर 

दाल, पहले, अब

अरहर, 105 से 120, 80 से 100

अड़द छिलका, 90 से 100, 80 से 70

अड़द धोबा, 95 से 110, 82 से 90

मसूर, 60, 60

चना दाल, 65 से 67, 58 से 62

डॉलर छोला चना, 80, 65

छोटा छोला चना, 60, 55


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