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उत्‍तर प्रदेश में बिजली की नई दरें घोषित करने की तैयारी, विरोध में व्यापारी, जानिए क्यों Aligarh news

महामारी के बीच अब बिजली की दरें उपभोक्ताओं को जोर का झटका दे सकती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली की नई दरें घोषित करने की तैयारी कर ली हैं। बिजली की नई प्रतियूनिट तेजी की सुगबुगाहट से व्यापारी संगठनों में विरोध के सुर तेज हो रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 04:15 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 05:23 PM (IST)
महामारी के बीच अब बिजली की दरें उपभोक्ताओं को जोर का झटका दे सकती हैं।

अलीगढ़, जेएनएन । महामारी के बीच अब बिजली की दरें उपभोक्ताओं को जोर का झटका दे सकती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली की नई दरें घोषित करने की तैयारी कर ली हैं। बिजली की नई प्रतियूनिट तेजी की सुगबुगाहट से व्यापारी संगठनों में विरोध के सुर तेज हो रहे हैं। नई दर व बिजली महंगी करने पर नियामक आयोग 17 मई को सुनवाई करने जा रहा है। महानगर के प्रमुख उद्योगपति व उत्तर प्रदेश रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है। तर्क भी दिया है, कि प्रदेश में बिजली की दरे अन्य राज्यों से कई गुना महंगी हैं। सरकार के प्रस्ताव पर अगर आयोग ने अपनी मोहर लगा दी, तो बिजली उपभोक्ताओं के साथ ना इंसाफी होगी। कोरोना संकट के चलते कारोबार पहले से ही पस्त है। 

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उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ

उपाध्यक्ष प्रदीप गंगा ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष के पास केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से बिजली दरें जल्द घोषित करने के लिए पत्र आने की सटीक व सही सूचना है। इस पत्र के बाद उत्तर प्रदेश में कोरोना काल में ही बिजली दरें घोषित करने की तैयारी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग 17 मई को बिजली दरों की वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए सुनवाई करने जा रहा है। इस बीच गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद ने बिजली दर पर अपनी आपत्तियां और सुझाव आयोग में दाखिल किए हैं। परिषद ने मौजूदा बिजली दरों को 25 फीसद घटाने का आयोग से अनुरोध किया है। हालांकि आयोग द्वारा बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं का बिजली खर्च बढ़ सकता है।उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महानगर अध्यक्ष सतीश माहेश्वरी व युवा महानगर अध्यक्ष विवेक शर्मा ने कहा कि कोरोना संकट के चलते ताला-हार्डवेयर व आर्टवेयर कारोबार पहले से ही बुरी तरह प्रभावित है। कच्चे माल की कीमतें आसमां पर हैं। आयरन की सीट, पीतल, तांबा, जस्ता, निकिल पर डेढ से दो गुना तक महंगी हो गई हैं। अगर बिजली की दरें और बढ़ गई तो व्यापारियों पर बज्रपात होगा। हम इस निर्णय का डटकर विरोध करेंगे।


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