Move to Jagran APP

नम आंखों से रमजान के आखिरी जुमा को किया रुख्सत ईद की तैयारी Aligarh news

कोरोना काल के पाक रमजान में मुस्लिम भाइयों ने नम आंखों से जुमा अलविदा किया।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 10:51 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 04:22 PM (IST)
नम आंखों से रमजान के आखिरी जुमा को किया रुख्सत ईद की तैयारी  Aligarh news
नम आंखों से रमजान के आखिरी जुमा को किया रुख्सत ईद की तैयारी Aligarh news

 अलीगढ़ जेएनएन : कोरोना काल के पाक रमजान में मुस्लिम भाइयों ने नम आंखों से जुमा अलविदा किया। घरों में ही नमाज अदा कर देश को कोरोना से बचाने व कभी वापसा न होने की दुआ की। अब ईद का इंतजार है, जिसे घर में मनाने की तैयारी शुरू हो गई हैं।  

loksabha election banner

खास होती है जुमे की नमाज

 इस्लाम में रमजान माह के आखिरी जुमे यानी अलविदा को सबसे अफजल करार दिया गया है। यूं तो जुमे की नमाज पूरे साल ही खास होती है, लेकिन रमजान में आखिरी जुमे की नमाज सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। जुमा अलविदा को छोटी ईद भी कहा जाता है। इस्लाम में मान्यता है कि अलविदा की नमाज में सच्चे दिल से की गई हर दुआ को अल्लाह कुबूल करता है और हर गुनाह से पाक-साफ कर देता है। लॉकडाउन में मस्जिदें बंद हैं। जुमा अलविदा की नमाज घरों में ही अदा की गई। ऊपरकोट, शाहजमाल, जमालपुर, जंगलगढ़ी, जीवनगढ़ आदि में मस्जिदों से लाउडस्पीकर के जरिये लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई। धौर्रा के इस्माइल कॉलोनी के मोहम्मद तय्यब ने अपने घर में परिवार के साथ जुमातुल विदा की नमाज पढ़ी। उन्होंने बताया कि हदीस में बताया गया है कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने जुमे के दिन को हर मुसलमान के लिए ईद के दिन के समान बताया है। इस्लाम धर्म में माना जाता है कि जुमे की नमाज से पहले पैगंबर मोहम्मद नए कपड़े पहनते थे। खुशबू (इत्र) लगाते थे। आंखों में सुरमा लगाकर नमाज के लिए जाते थे। यही वजह है कि हर मुसलमान जुमे की नमाज के लिए खास तैयारी करता है। हदीस में बताया गया है कि जुमे के दिन एक समय ऐसा आता है, जब अल्लाह अपने बंदों की हर जायज दुआ को कुबूल करता है। शहर मुफ्ती मोहम्मद खालिद हमीद ने अपील की है कि संकट की घड़ी में पुलिस प्रशासन का साथ दें। ईद पर भी घरों में ही नमाज पढ़ें। 

पुलिस ने बैठाया समन्वय

ईद को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी हैं। सभी क्षेत्रों में इलाके के संभ्रांत लोगों के साथ समन्वय बिठाया जा रहा है। बैठकें की जा रही हैं। लोगों से ही अपील की जा रही हैं कि अपने अपने इलाकों में लॉकडाउन का पालन कराएं। क्षेत्रों में घूमकर शांति व सौहार्द की अपील की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.