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अलीगढ़ व हाथरस में तीज की तैयारी, वेलवेट व वर्क वाली हरी चूड़ियों की मांग

महिलाएंं प्रमुख त्योहार हरियाली तीज को मनाने के लिए महिलाएं सुहाग के सामान की जमकर खरीदारी कर रही हैं। इस बार बाजार में नई डिजाइन की चूडिय़ां नहीं हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 04:42 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 04:42 PM (IST)
अलीगढ़ व हाथरस में तीज की तैयारी, वेलवेट व वर्क वाली हरी चूड़ियों की मांग

अलीगढ़ (जेएनएन)। ब्रज में शामिल हाथरस व अलीगढ़ में हरियाली तीज की तैयारियां तेज हो गई हैं।  कोरोना संक्रमण का असर तीज त्योहारों पर भी दिखाई दे रहा है। महिलाएंं प्रमुख त्योहार हरियाली तीज को मनाने के लिए महिलाएं सुहाग के सामान की जमकर खरीदारी कर रही हैं। इस बार बाजार में नई डिजाइन की चूडिय़ां नहीं हैं। पुरानी डिजाइनों से ही परंपरा को निभाया जाएगा।

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चूड़ियां बनी पहली पसंद 

हरियाली तीज पर महिलाएं हरी साडिय़ों के अलावा सुहाग में हरी चूडिय़ां ज्यादा पसंद करती हैं। विकल्प के तौर पर हरे रंग की मोटी चूडिय़ां लेती हैैं जो कंगन या कड़े का लुक देती हैं। इस बार कोरोना संक्रमण से लगे लॉकडाउन में फीरोजाबाद में चूडिय़ों का काम बंद रहा जिससे नई डिजाइन की चूडिय़ां बाजार में नहीं आ पाईं। बाद में जो आई भी तो उनकी संख्या काफी कम रही। दुकानदार पुराने माल को ही महिलाओं को दिखा रहे हैं। इन्ही में से महिलाएं अपनी पसंद चुन रही हैं, जिसमें वेलवेट और वर्कवाली चूडिय़ां पसंद की जा रही हैं। चूड़ी विक्रेता नवीन कुमार ने बताया कि इस बार बाहर से नया माल नहीं आया है। वेलवेट व वर्क वाली डिजायन की चूडिय़ां हैं।

सीमित तरीके से मनाएंगे त्योहार 

हाथरस की सुनीता शर्मा का कहना है कि इस बार बाजार में नई डिजायन की चूडिय़ां नहीं हैं। पुरानी डिजाइनों में से बेहतर को पंसद करना पड़ रहा है। सीमित तरीके से त्योहार मनाया जाएगा। अंशू कौशिक का कहना है कि लॉकडाउन का असर हमारे तीज त्योहार पर पड़ा है। हर साल मनाए जाने वाले इस त्योहार में पहले जैसा माहौल अब नहीं है। सीमित खरीदारी कर रहे हैं।

दाऊजी मंदिर पर इस बार नहीं  लगेगा हरियाली तीज का मेला

इस बार हाथरस के किला स्थित ऐतिहासिक दाऊजी मंदिर परिसर में लगने वाला हरियाली तीज महोत्सव निरस्त कर दिया गया है। अब तीज व पंचमी को पुजारियों द्वारा ही पूजा-अर्चना की जाएगी। सावन में हरियाली तीज महोत्सव का आयोजन प्रति वर्ष दाऊजी महाराज मंदिर परिसर में किया जाता रहा है। यह कार्यक्रम सावन की अमावस्या के बाद हरियाली तीज वाले दिन से शुरू होता है। इस महोत्वस में रेवती मैया का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। इसमें दाऊबाबा व रेवती मैया पर भक्तों द्वारा पोशाक चढ़ाई जाती है। दशमी तक चलने वाले इस आयोजन में प्रतिदिन सावन से जुड़े अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनमें सबसे बड़े कार्यक्रम नागपंचमी व दशमी वाले दिन किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में शहर के अलावा दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु दाऊबाबा व रेवती मैया के दर्शन के लिए आया करते थे। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस बार यह कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है।

तीज व पंचमी को होगी पूजा

इस बार रेवती मैया व दाऊबाबा की पूजा-अर्चना कर परंपरा निभाई जाएगी। यह धार्मिक आयोजन हरियाली तीज व नागपंचमी के दिन होगा। इसमें केवल मंदिर के सेवायत पुजारी ही पोशाक बदलने के साथ मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करेंगे। 

निर्देशों का किया जाएगा पालन  

मंदिर के पुजारी संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार मंदिर में तीज महोत्सव कार्यक्रम का सामूहिक आयोजन नहीं किया जाएगा। इसमें दाऊबाबा व रेवती मैया की पूजा-अर्चना सेवायतों द्वारा की जाएगी। प्रशासिक नियमों व दिशा-निर्देशों को पूरी तरह से पालन किया जाएगा। एसडीएम रामजी मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी तरह के सामूहिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं है। इसीलिए दाऊजी महाराज मंदिर परिसर में तीज का मेला नहीं लगेगा। 


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