हरदुआगंज तापीय परियोजना का बिजली उत्पादन बंद, जानें क्या है वजह
पश्चिम उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी हरदुआगंज तापीय परियोजना की दोनों यूनिटों को मंगलवार की रात को अनिश्चित काल के लिए थर्मल बैकिंग पर बंद करा दिया गया बताया जा रहा है प्रदेश में बिजली की मांग गिर कर 14 मेगावाट रह गई है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में पश्चिम उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी हरदुआगंज तापीय परियोजना की दोनों यूनिटों को मंगलवार की रात को अनिश्चित काल के लिए थर्मल बैकिंग पर बंद करा दिया गया। बताया जा रहा है प्रदेश में बिजली की मांग गिर कर 14 मेगावाट रह गई है। बेमौसम बरसात से अचानक मौसम में बदलाव आ जाने के कारण प्रदेश में बिजली की मांग लगातार गिरती जा रहीं थी जिसके कारण 250 -250 मेगावाट की आठ और नौ नंबर यूनिट को अनिश्चित काल के लिए लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर प्रबंधन ने बंद करा दिया। हरदुआगंज तापीय परियोजना 620 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखती है।
यह है मामला
हरदुआगंज तापीय परियोजना कोयले की कमी से उभर कर पूरी क्षमता के साथ क्रमशः आठ औैर नौ नंबर यूनिट 500 मेगावाट का बिजली का उत्पादन कर रहीं थी। मंगलवार की रात लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर सिस्टम लोड डिस्पेच सेंटर (एसएलडीसी) के तहत इन दोनों यूनिटों को बंद करा दिया गया। जिसके चलते अचानक परियोजना का बिजली उत्पादन शून्य हो गया। आठ नंबर एवं नौ नंबर यूनिट पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन कर रहीं थी। वहीं सात नंबर यूनिट 120 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखती है तकनीकी कमी के चलते 13 अगस्त सेे बंद पड़ी है। इस यूनिट को चलाने के लिए लखनऊ मुख्यालय से टैक्नीशियनों की टीम भी आ चुकीं है फिर भी इस यूनिट को चलाने में प्रबंधन कामयाब नहीं हो सका ।
बिजली उत्पादन शून्य
हरदुआगंज तापीय परियोजना 620 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखती है। इस परियोजना सेे पांच जिलों को बिजली आपूर्ति दी जाती है। फिलहाल प्रदेश में अचानक बिजली की मांग गिर जाने के चलते दोनों यूनिटों को बंद कर दिया गया है। जिस कारण हरदुआगंज तापीय परियोजना में बिजली का उत्पादन शून्य है। अहम बात यह है कि ठंड के मौसम में बिजली आपूूूर्ति की मांग बेहद कम हो जाती है। इस वजह से यह फैसला लिया गया है।