बेटियों को आगे बढ़ाने व उनका हक दिलाने धरती पर दौड़ेंगी पावर एंजल, जानिए मामला Aligarh news
कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा क्षेत्र में बेटियों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। आनलाइन माध्यम हो या आफलाइन माध्यम बेटियों की संख्या को हर हाल में बढ़ाने के लिए शासनस्तर से कई प्रयास किए जा रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा क्षेत्र में बेटियों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। आनलाइन माध्यम हो या आफलाइन माध्यम बेटियों की संख्या को हरहाल में बढ़ाने के लिए शासनस्तर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में बेटियों के शत-प्रतिशत नामांकन कराने के लिए अफसरों तक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मगर अब पावर एंजल बेटियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए दौड़ लगाएंगी। बेटा हो या बेटी बेहतर शिक्षा के जरिए ही हर किसी को अपने अधिकार प्राप्त हो सकते हैं।
कोरोना में बंद हुई पढ़ाई
कोरोना संक्रमण के खतरे से बच्चों को बचाने के लिए अभी सरकारी स्कूलों को पढ़ाई के लिए बंद रखा गया है। हालांकि शिक्षक-शिक्षिकाएं विद्यालय में आ रहे हैं। मगर विद्यार्थियों को अभी नहीं बुलाया जा रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जब विद्यार्थियों को बुलाया जाना शुरू होगा तो बेटियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का काम पावर एंजल करेंगी। कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में उत्कृष्ट छात्राओं को पावर एंजल के तौर पर नियुक्त किया गया है। ये वे छात्राएं हैं जो विद्यालय में नियमित तौर पर आती हैं। पढ़ाई में भी इनकी खासी रुचि रहती है। ये छात्राएं अपने क्षेत्र के आस-पास ऐसे अभिभावकों को जागरूक करेंगी जो अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजने में कतराते हैं। बेटियों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए इन पावर एंजल पर जिम्मेदारी रहेगी। अगर पावर एंजल स्कूल से दूर रहने वाली पांच छात्राओं को स्कूलों में दाखिला दिलाती हैं तो उनको जिलास्तर पर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही ऐसी पावर एंजल के नाम प्रदेशस्तर पर भी भेजे जाएंगे। छात्राओं के स्कूल में नामांकन की गतिविधि पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) भी निगरानी रखेंगे। वो भी ब्लाकवार अपने प्रयासों से ऐसी छात्राओं को स्कूल में दाखिला दिलाएंगे जो स्कूल नहीं आ रही हैं।