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Positive India: हाथरस के फरौली गांव की हैं डोनाल्ड ट्रंप की दूत Aligarh News

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आॢथक सहयोग और विकास संगठन ओईसीडी में भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक मनीषा सिंह को दूत बनाया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 01:02 PM (IST)
Positive India: हाथरस के फरौली गांव की हैं डोनाल्ड ट्रंप की दूत Aligarh News
Positive India: हाथरस के फरौली गांव की हैं डोनाल्ड ट्रंप की दूत Aligarh News

अलीगढ़ [सुरजीत पुंढीर]: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आॢथक सहयोग और विकास संगठन ओईसीडी में भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक मनीषा सिंह को दूत बनाया है। वह हाथरस के जंक्शन क्षेत्र के फरौली गांव की मूल निवासी हैं। अलीगढ़ के अकराबाद क्षेत्र के गांव हंसगढ़ी गांव में ननिहाल है। 1972 में अपने माता-पिता व छोटी बहन के साथ अमेरिका गई थीं। दो साल पहले  मनीषा के माता-पिता हंसगढ़ी आए थे। लेकिन, मनीषा कई सालों से यहां नहीं आई हैं।

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ऐसे तय की मंजिल

गांव हसंगढ़ के डॉ. राम स्वरूप सेंगर ने अपनी सबसे छोटी बहन सत्या ङ्क्षसह की शादी 1967 में  हाथरस के फरौली गांव निवासी डॉ. मेघ ङ्क्षसह की थी। शादी के कुछ साल बाद दो बेटी मनीषा व बेबी का जन्म हुआ। डॉ. मेघ ङ्क्षसह 1972 में अपनी दोनों बेटियों व पत्नी सत्या के साथ पीएचडी करने अमेरिका चले गए। वहां कृषि विभाग में नौकरी लग गई। इसके चलते वे अमेरिका के लेक अल्फ्रेट फलेरेडा में रहने लगे। इनकी बड़ी बेटी मनीषा ने वाशिंगटन के अमेरिकन विश्वविघालय से अंतरराष्ट्रीय विधि से पोस्ट ग्रेजुएट की और अमेरिका के विदेश विभाग में सहायक सचिव बन गई। दो दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने आॢथक सहयोग और विकास संगठन में दूत बनाया है।

राजदूत के बराबर रैंक

 मनीषा ओईसीडी में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगी। इनकी रैंक राजदूत के बराबर होगी। ओईसीडी का मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है। इसमें 36 देश शामिल हैं। ओईसीडी आॢथक प्रगति और विश्व व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए काम करता है। मनीषा कार्यवाहक उपमंत्री, आर्थिक वृद्धि, ऊर्जा और पर्यावरण और विदेश विभाग के आॢथक ब्यूरो ऊर्जा और व्यापारिक मामलों के विभाग की उप सहायक मंत्री रह चुकी हैं।

अलीगढ़ व हाथरस के गर्व का दिन

 अकराबाद के हंसगढ़ी निवासी मनीषा के मामा डॉ. राम स्वरूप सेंगर बताते हैं कि उनकी बहन व बहनोई दो साल पहले ही उनके घर आए थे। यहां पर मनीषा के बारे में भी काफी चर्चा हुई थी। मनीषा की इतने बड़े पद पर नियुक्ति हाथरस व अलीगढ़ दोनों जिलों के लिए गर्व की बात है। मनीषा के परिवार के अन्य लोग अब भी गांव में रहते हैं। मनीषा के मामा के बेटे दुर्गेश कुमार सेंगर बताते हैं कि जब से मनीषा के बारे में जानकारी हुई, तब से पूरा परिवार खुश है।


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