सकारात्मक नजरिये ने दूर किया कोविड 19 का भय Aligarh news
आज पूरी दुनिया महामारी का डटकर सामना कर रही है और नियमों को जीवन का हिस्सा बना रही है। मैं भी नियमों का पालन कर रही हूं। लॉकडाउन के वक्त मुझे आपकी बहुत याद आई। जब मेरी 11वीं की परीक्षाएं समाप्त हुई थीं तब मैं बहुत खुश थी।
अलीगढ़, जेएनएन : प्रिय दीदी...आशा करती हूं कि आप स्वस्थ होंगी। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए नियमों का पालन कर रही होंगी। आज पूरी दुनिया महामारी का डटकर सामना कर रही है और नियमों को जीवन का हिस्सा बना रही है। मैं भी नियमों का पालन कर रही हूं। लॉकडाउन के वक्त मुझे आपकी बहुत याद आई। जब मेरी 11वीं की परीक्षाएं समाप्त हुई थीं तब मैं बहुत खुश थी। आपसे मिलने की भी तैयारी कर ली थी। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था, क्योंकि आपसे मिले एक साल से ज्यादा हो गया था। अचानक लगे लॉकडाउन ने उत्साह को डर में बदल दिया। इस डर को भी आपके खुशमिजाज स्वभाव ने दूर कर दिया। आपको याद है कि मैं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर ङ्क्षचतित थी। तब आपने अपना अनुभव बताकर मुझे समझाया कि ङ्क्षचता करने से कुछ नहीं होगा। विश्वास के साथ परीक्षाएं देनी होंगी, तभी परिणाम अच्छा आएगा। आपकी इस बात को याद कर मैंने अपने मन से कोविड-19 का डर निकाला और घर में सभी नियमों का पालन किया है। घर में रहते हुए भी इस मुश्किल वक्त को उपयोगी बनाने में हमारे विद्यालय का बहुत योगदान रहा। शिक्षकों ने पढ़ाई को महत्व देते हुए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कीं। हमें भी ऑनलाइन क्लासेस में मजा आने लगा। शिक्षकों ने हमें रचनात्मक कार्यों से जोड़े रखा। प्रतियोगिताएं कराई गईं। कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखनी है, हाथों को बार-बार धोना है और सफाई का पूरा ध्यान रखना है। चेहरे और आंखों को बार-बार हाथों से नहीं छूना और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। मैं आशा करती हूं कि आप इन सभी नियमों का अच्छे से पालन कर रही होंगी। मुझे विश्वास है कि हमारे वैज्ञानिक जल्द ही इसकी वैक्सीन बनाएंगे और हम मिल सकेंगे। अपना व परिवार का ध्यान रखना। अपने स्वास्थ की जानकारी देते रहना।
आपकी प्रिय बहन, सलोनी
मुश्किल दौर में काम आती है सकारात्मकता
समय कितना ही खराब क्यों न हो, अपनी सोच को कभी नकारात्मक नहीं करना चाहिए। सकारात्मक सोच मुश्किलों को दूर करने में सहायक होती है। कोरोना संक्रमण काल में भी ये बात देखने को मिली है। संक्रमित होने वाले कई लोग काल के गाल में समाए, लेकिन कई लोगों ने दृढ़ इच्छा शक्ति व सकारात्मक सोच से ही इस महामारी को हराकर जीवन शुरू किया। सलोनी भी जब लॉकडाउन और परीक्षाओं की टेंशन में घिरी थी तब उनकी बहन ने सकारात्मक नजरिया अपनाते हुए उनको सलाह दी। जिसकी दम पर सलोनी को ऊर्जा मिली और वो परीक्षा में बेहतर करने में सफल हो सकीं। किसी मुश्किल समय में रचनात्मक कार्य भी टेंशन को खत्म कर ऊर्जा देने का काम करते हैं। इसलिए जरूरी होता है कि विपरीत समय में अपने आप को बेहतर व रचनात्मक क्रियाकलापों में व्यस्त रखा जाए। अपने प्रियजनों से मिलने की घड़ी नजदीक होने के बावजूद अड़चन आ जाती हैं और उनसे मिलना नहीं हो पाता। निराशा मेें नहीं डूबना चाहिए। परिस्थिति के हिसाब से चीजों को व्यवस्थित करते हुए काम करना चाहिए। बेहतर समय का इंतजार करना चाहिए। बच्चों व युवाओं को ये हमेशा याद रखना चाहिए कि समय अच्छा हो या बुरा कभी एक जैसा नहीं रहता। सकारात्मक सोच को कभी नहीं छोडऩा चाहिए।
अनुराग गौतम, निदेशक, एसबीबीएम इंटर कॉलेज