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अलीगढ़ में बच्चा चोरी के गिरोह का अब अन्य जिलों से कनेक्शन खंगाल रही पुलिस

बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद अलग-अलग जिलों की पुलिस ने यहां संपर्क किया है। ऐसे में पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस गिरोह का कनेक्शन अन्य जिलों से तो नहीं है। इस संबंध में अभी कोई सुराग नहीं मिला है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 08:04 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 08:04 AM (IST)
पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के 16 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है।

अलीगढ़, जेएनएन। बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद अलग-अलग जिलों की पुलिस ने यहां संपर्क किया है। ऐसे में पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इस गिरोह का कनेक्शन अन्य जिलों से तो नहीं है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई सुराग नहीं मिला है। वहीं गिरोह की तह तक जाने के लिए गाजियाबाद में पकड़ी गईं दो महिलाओं को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

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बच्‍चा चोरी करने वाले 16 जेल भेजे

पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के 16 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। इनमें नौ महिलाएं भी शामिल हैं। एएचटीयू की टीम ने इसमें जांच शुरू कर दी है। गिरोह के हर सदस्य के खिलाफ सुबूत जुटाए जा रहे हैं। इधर, गिरोह की गिरफ्तारी के बाद मुरादाबाद, मेरठ, पीलीभीत पुलिस ने अलीगढ़ पुलिस से संपर्क किया है। ऐसे में संभावना है कि इस गिरोह का तार बाहर भी जुड़े हों। हालांकि पुलिस की जांच में अब तक कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है। चूंकि इस गिरोह के निशाने पर दो साल तक की उम्र के बच्चे होते थे, जबकि अन्य जिलों से गायब हुए बच्चों की उम्र ज्यादा है। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि अन्य जिलों की पुलिस ने संपर्क जरूर किया है। लेकिन, अभी तक इस गिरोह का बाहर से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। विवेचना जारी है।

बातचीत में खरीदार तलाश लेती थीं महिलाएं

इस गिरोह में मुख्य रूप से महिलाअों की ही अहम भूमिका था। इनमें चांदनी और रेखा सीधे तौर से अस्पताल से जुड़ी हैं। वहीं अन्य महिलाएं इनके संपर्क में थी। महिलाएं गली-मोहल्लों में बैठकर अन्य महिलाअों से बातचीत करती थीं और कई दंपतियों की जानकारी निकाल लेती थीं। फिर इनमें से छांटा जाता है कि किसको बच्चे की जरूरत है। इसके बाद किसी मध्यस्थ के जरिये खरीदार से संपर्क किया जाता था। महिलाअों के होने के चलते लोग भी इन पर आसानी से भरोसा कर लेते थे। इस बीच बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भी महिलाअों के पास ही होती थी।


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