Move to Jagran APP

तेल के दाम भड़के, 80.49 रुपये पेट्रोल व 71.93 रुपये प्रतिलीटर हुआ डीजल Aligarh news

जिले के 165 पंपों पर हर दिन ढाई लाख लीटर पेट्रोल व साढ़े छह लाख लीटर डीजल की बिक्री होती है। तेल मार्केटिंग कंपनी एचपीसीएल बीपीसीएल व आइओसी ने तेल के दामों में बढ़ोतरी की है।

By Parul RawatEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 03:03 PM (IST)
तेल के दाम भड़के, 80.49 रुपये पेट्रोल व 71.93 रुपये प्रतिलीटर हुआ डीजल Aligarh news

अलीगढ़, [जेएनएन]। अनलॉक के शुरू होते ही तेल की कीमतों में लगी आग ने सभी को चौंका दिया है। पहली बार डीजल के रेट 71 रुपये प्रति लीटर से अधिक पहुंच गए। बुधवार को पेट्रोल 80.49 और डीजल 71.93 पैसा प्रतिलीटर बाजार में बिका। एक जून से अबतक पेट्रोल पर 6.52 रुपये व डीजल पर 8.06 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। तेल की बढ़ी कीमतों का असर अन्य वस्तुओं के दामों पर भी दिखेगा, जिससे किसान से लेकर आम आदमी तक का बजट गड़बड़ा जाएगा।

loksabha election banner

जिले के 165 पंपों पर हर दिन ढाई लाख लीटर पेट्रोल व साढ़े छह लाख लीटर डीजल की बिक्री होती है। तेल मार्केटिंग कंपनी एचपीसीएल, बीपीसीएल व आइओसी ने तेल के दामों में बढ़ोतरी की है। 17 जून को पेट्रोल सादा 78.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.79 रुपये प्रति लीटर था। जून में तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इससे स्कूटी चलाने वाली बेटियां या महिलाओं को पेट्रोल भराते समय दाम अखरने लगे हैं। पेट्रोल के निकट पहुंच रही  डीजल की कीमत ने डेढ़ से दो लाख रुपये महंगी डीजल की कार लेने वालों की चिंता बढ़ा दी है।

तेल के दाम एक नजर में

दिनांक, पेट्रोल, डीजल

01 मार्च, 73.62, 64.59

20 मार्च, 71.95, 62.87

एक जून, 73.97, 63.87

आठ जून, 74.89, 64.79

नौ जून, 75.30, 65.24

10 जून, 75.61, 65.58

11 जून, 76.07, 66.04

15 जून, 77.81, 67.89

17 जून, 78.59, 68.79

इस सप्ताह दाम एक नजर में

दिनांक, पेट्रोल, डीजल

18 जून, 78.99, 69.28

19 जून, 79.42, 69.77

20जून, 79.82, 70.70

21 जून, 80.08, 70.70

22 जून, 80.34, 71.56

23 जून, 80.49, 71.56

24 जून, 80.49, 71.93

(दाम प्रति लीटर में)

एक सप्ताह में बढ़ गए कच्चे तेल के दाम

कच्चे तेल की कीमतों में भी इस सप्ताह बढ़ोतरी हुई है। एक सप्ताह पहले 35 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल बुधवार को 40 रुपये प्रति बैरल बिका है। अध्यक्ष अलीगढ़ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के विजय मंगल गुप्ता का कहना है कि आसपास के राज्यों में तेल पर वैट बढ़ा दिया है। दिल्ली जैसे राज्य में तेल की कीमत के हिसाब से फीसद में टैक्स वसूला जाता है। कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं। इसलिए तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। अलीगढ़ ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ठा. अजयपाल सिंह का कहना है कि लॉकडाउन से ट्रांसपोर्ट कारोबार पहले से ही बेदम है। मध्य प्रदेश हो या बंगाल। डीजल के दाम पेट्रोल के बराबर पहुंच चुके हैं। तेल की कीमतें काबू में की जाएं। स्वर्ण जयंती नगर की कल्पना सिंह का कहना है कि मैं एक कंपनी में जॉब करती हंू। डीजल की कार डेढ़ लाख रुपये ज्यादा खर्च कर ली थी। अब पेट्रोल के निकट डीजल के दाम पहुंचेंगे तो लाभ क्या रहा। महीने की ट्रेवलिंग का खर्च बढ़ गया। कारोबारी अंकित वर्मा का कहना है कि तेल की बढ़ी कीमतों का हर वर्ग पर असर पड़ेगा। लॉकडाउन से पस्त आमजन को सरकार राहत की जगह महंगाई दे रही है। इसे काबू में किया जाए। गृहिणी चंचल गौड़ का कहना है कि रसोई में प्रयोग करने वाली तमाम खाद्य पदार्थों की कीमतें पहले से ही बढ़ रही हैं। जल्द ही ट्रांसपोर्ट खर्च बढऩे से अन्य वस्तुओं की कीमतें और बढ़ाई जाएंगी। इससे रसोई का बजट बिगड़ेगा।

किसानों के उड़े होश, प्रति हेक्टेयर पर 64.96 का अतिरिक्त खर्चा 

डीजल की कीमतों ने किसानों के होश उड़ा दिए हैं। महंगाई की तपिश उन्हें अभी से झुलसा रही है। कीमत में उछाल भी तब आया, जब खरीफ सीजन में जुताई, बोवाई का समय चल रहा है। जिले में खरीफ फसल का रकबा 2,38,821 हेक्टेयर है। करीब 30 हजार हेक्टेयर में किसान परंपरागत साधनों (बैलों) से खेती करते हैं, जबकि शेष में ट्रैक्टरों के माध्यम से खेती की जाती है। प्रति हेक्टेयर जुताई में आठ लीटर डीजल लगता है तो दो लाख हेक्टेयर की जुताई में 16 लाख लीटर डीजल खर्च होगा। पिछले 23 दिन में प्रति लीटर डीजल में जो 8.12 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। किसानों को खेत में ट्रैक्टर से जुताई के लिए प्रति हेक्टेयर 64.96 रुपये अतिरिक्त डीजल पर खर्च करना पड़ रहा है। इस हिसाब से एक करोड़ 29 लाख 92 हजार रुपये अतिरिक्त खर्चा आएगा। ङ्क्षसचाई के लिए भी पंप का खर्चा अलग है।

समर्थन मूल्य तय, खरीद नहीं

गेहूं को छोड़कर बाकी फसलों की उचित कीमत किसानों को नहीं मिल पा रहीं। किसान नेता नबाव ङ्क्षसह बताते हैं कि समर्थन मूल्य बढ़ाकर सरकार गेहूं की खरीद तो करा रही है, लेकिन धान, मक्का और बाजरा के खरीद केंद्र नहीं खोले गए। प्रगतिशील किसान मुकेश गौड़ कहते हैं कि मक्का पर 1850 और बाजरा पर 2150 समर्थन मूल्य तय है, लेकिन मंडी में ये आधी कीमतों पर बिक रहे हैं। इनके क्रय केंद्र खुलने चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.