कागजों पर गुणवत्ता दिखाकर करा लिया भुगतान, जांच के भरोसे पर भी लगा 'दीमक'
सरकारी कामों में हो रही हीला हवाली व देरी से लोगों के साथ ही पार्षदों में भी रोष व्याप्त हो रहा है। नगर निगम में कार्यदायी संस्थाओं के भुगतान में भी ये देखने को मिला। जांच के आदेश हुए लेकिन हुआ कुछ नहीं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। निर्माण कार्यों के मानक और गुणवत्ता परखने की कई कसौटियां हैं, लेकिन परख कुछ ही पर होती है। इनमें भी सांठगांठ कर सब सही करा लिया जाता है। कार्यदायी संस्थाओं को करोड़ों का भुगतान इसी आधार पर हो जाता है। बाद में खामियां मिलती हैं तो जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जो इतनी लंबी हो जाती है कि अधिकारियों के तबादले तक हो जाते हैं। फिर फाइलें बंद कर दी जाती हैं। ऐसी परिस्थितियों में ही नगर निगम ने निर्माण कार्यों का भुगतान भौतिक सत्यापन के बाद करने की व्यवस्था बनाई थी। एक समिति भी गठित की गई। नगर आयुक्त के स्पष्ट निर्देश थे कि मानकों के अनुरूप काम न होने और गुणवत्ता में कमी मिलने पर भुगतान रोक दिया जाएगा। लेकिन, हुआ कुछ नहीं। कागजों पर औपचारिकताएं पूरी कर कार्यदायी संस्थाओं को भुगतान करा दिया गया। अब पार्षद अफसरों ने अनियमितताओं के आरोप लगा रहे हैं। अफसरों ने दो माह पूर्व टीम बनाकर जांच भरोसा दिया था, जो अब तक न बन सकी।
जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर भुगतान के थे निर्देश
नगर आयुक्त गौरंग राठी ने पिछले साल मुख्य नगर लेखा परीक्षक जंग बहादुर यादव और लेखा अधिकारी अखिलेश चंद तिवारी को निर्माण कार्य के पूरा होने पर जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर भुगतान की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मुख्य अभियंता सूरजपाल सिंह, अधिशासी अभियंता अशोक कुमार भाटी से शेष निर्माणाधीन विकास कार्यों की पत्रावलियां भुगतान के लिए लेखा विभाग में भौतिक और स्थलीय सत्यापन के साथ भेजने को भी कहा गया। नगर आयुक्त ने दावा किया कि शहर में विकास कार्यों को तेज गति से कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विकास कार्यों में मानक और गुणवत्ता की जांच के लिए अहम निर्णय लिए गए हैं।
अंतिम भुगतान से पहले गुणवत्ता की जांच होगी
नगर निगम ने अमृत योजना में 14 वित्त आयोग व 15 वित्त आयोग और नगरीय अवस्थापना विकास निधि से कराए जाने वाले कार्यो के अंतिम भुगतान से पूर्व गुणवत्ता की जांच होगी। इसके लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता अलीगढ़ विकास प्राधिकरण, अधिशासी अभियंता निर्माण नगर निगम नामित किए गए। निर्माण कार्यों के अंतिम भुगतान से पूर्व समिति को संबंधित पत्रावली पर तकनीकी रूप से रिपोर्ट देने के आदेश थे। पार्षदों का कहना है कि भौतिक सत्यापन के बिना ही भुगतान करा दिया गया। अधिवेशन में पार्षदों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। तब जांच समिति बनाने पर सहमति बनी, लेकिन ये समिति बन न सकी।