जन औषधि केंद्र से जरूरी दवाएं गायब, महंगी दवाओं का दर्द झेल रहे मरीज
जन औषधि केंद्र पर लिवर व खांसी के सिरप, एंटी बायोटिक व एंटी एलर्जिक टेबलेट व लोशन, मल्टी विटामिन से लेकर एंटी रेबीज वैक्सीन समेत 40 से 50 फीसद दवाएं गायब हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। जिला स्तरीय अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खुलने के बाद भी मरीजों को महंगी दवा के बोझ से छुटकारा मिलता नहीं दिख रहा। केंद्रों पर इन दिनों लिवर व खांसी के सिरप, एंटी बायोटिक व एंटी एलर्जिक टेबलेट व लोशन, मल्टी विटामिन से लेकर एंटी रेबीज वैक्सीन समेत 40 से 50 फीसद दवाएं गायब हैं। मजबूरन मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर का ही रुख करना पड़ रहा है।
दवाओं की कमी से जूझ रहे केंद्र
जनपद समेत पूरे देश में तीन सितंबर को जन औषधि केंद्र परियोजना लांच हुई। यहां पर मरीजों को 90 फीसद तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की बात हुई। सूची में करीब 750 दवाएं व 100 से अधिक सर्जिकल सामान शामिल किया। अफसोस, ये केंद्र आज तक दवाओं की कमी से जूझते रहे हैं। इन दिनों भी मरीज दवा का पर्चा लेकर यहां से वहां भटक रहे हैं। बता दें कि जन औषधि केंद्रों पर दवा की सप्लाई सीधे लखनऊ व दिल्ली से होती है, मगर ड्रग हाउस से भी पूरी दवाएं नहीं आ रहीं। हृदय, डायबिटीज व अन्य असाध्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भी पूरी दवाएं नहीं मिल पा रहीं। जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की कमी का फायदा उठाकर गुपचुप महंगी जेनरिक व ब्रांडेड दवाएं बेचने की शिकायतें मिल रही हैं।
मरीजों के बोल
बाहर से लानी पड़ी दवाएं
खैर रोड के शीशराम का कहना है कि डॉक्टर ने एंटीबायोटिक, बीटाडीन और सीङ्क्षरज लिखीं, जो अस्पताल व केंद्र पर थी ही नहीं। मेडिकल स्टोर से खरीदकर लानी पड़ीं। छावनी की रहने वाली सुधा का कहना है कि डॉक्टर ने साबुन, लोशन व एंटी एलर्जिक दवाएं लिखीं, जो अस्पताल व जन औषधि केंद्र के काउंटर पर भी नहीं मिले। 260 रुपये की दवा बाहर से खरीदी है।
ब्रांडेड दवा की बिक्री पर होगी कार्रवाई
सीएमओ डॉ.एम एल.अग्रवाल का कहना है कि जन औषधि केंद्रों पर ज्यादातर बीमारियों की दवाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई समस्या है तो शासन को पत्र भेजा जाएगा। केंद्र भी चेक कराएंगे। ब्रांडेड दवा की बिक्री पर कड़ी कार्रवाई होगी।