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अमरनाथ यात्रियों में दहशत, सुरक्षा बलों ने जबरन लौटाया Aligarh News

अलीगढ़ से गए शिवभक्तों को भी वहां से वापस कर दिया गया। उनके भंडारे कैंप को उखाड़ दिया गया। जवानों की सख्ती के चलते भंडारा का सामान जैसे-तैसे छोड़कर श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 12:01 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 12:01 PM (IST)
अमरनाथ यात्रियों में दहशत, सुरक्षा बलों ने जबरन लौटाया Aligarh News
अमरनाथ यात्रियों में दहशत, सुरक्षा बलों ने जबरन लौटाया Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)।  अमरनाथ यात्रा को लेकर इंटेलीजेंस की ओर से आतंकी खतरा बताए जाने के बाद से तीर्थ यात्रियों पर आफत आ गई है। अलीगढ़ से गए शिवभक्तों को भी वहां से वापस कर दिया गया। उनके भंडारे कैंप को उखाड़ दिया गया। जवानों की सख्ती के चलते भंडारा का सामान जैसे-तैसे छोड़कर श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। अलीगढ़ से करीब 100 श्रद्धालु ऐसे हैं, जिन्हें बाबा के बिना दर्शन किए ही लौटना पड़ रहा है। देररात तक काफी संख्या में श्रद्धालु श्रीनगर पार कर चुके थे। चारों तरफ सेना के जवानों की तैनाती देख वह भी दशहत में हैं।

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श्रद्धालुओं के परिवार वाले चिंतित

श्रद्धालुओं के परिवार वाले भी किसी अनहोनी को देखते हुए टीवी से दिनभर चिपके रहे। अलीगढ़ से अमरनाथ यात्रा के लिए 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसमें से 1500 से अधिक श्रद्धालु दर्शन करके लौट आए हैं। चूंकि यात्रा 15 अगस्त तक है, इसलिए कुछ श्रद्धालु जाने की तैयारी में थे। मगर, सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया है। श्री अमरनाथ शिव शक्ति सेवा मंडल अलीगढ़ के संस्थापक राजीव वाष्र्णेय 'सोनू' और  प्रधान अजय जलेसरिया को भी भंडारा कैंप से वापस कर दिया गया। राजीव वाष्र्णेय ने बताया कि धूमेल के पास उनका भंडारा लगता है। शुक्रवार को सुबह छह बजे ही उन्हें वापस लौटने के निर्देश दे दिए गए थे। उनके साथ करीब 30 श्रद्धालु हैं। इनमें से भंडारे में सहयोग करने वाले सेवादार भी हैं। राजीव ने बताया कि अचानक आए आदेश के बाद से सभी दशहत में आ गए थे। भंडारा तुरंत बंद कर दिया गया था। कहा गया जल्दी से सारा सामान एकत्र करके यहां से वापस घर लौट जाओ। कभी भी कोई हमला हो सकता है। कुछ सामान गोदाम में रखा बाकी छोड़ छाड़कर जम्मू के लिए सभी निकल लिए। अजय जलेसरिया ने बताया कि वह सुरक्षा के घेरे में हैं। उनकी गाड़ी के आगे-पीछे जवान हैं। देररात 12 बजे वह ऊधम नगर पार कर चुके थे।

ये श्रद्धालु लौट रहे हैं

अलीगढ़ से भंडारे में व्यवस्था को गए श्रद्धालु भी लौट रहे हैं। इनमें बेगमबाग निवासी मनोज पंडित, मोनू, जगदीश प्रसाद, रिंकू, कालिया आदि हैं।

बालटाल से लौटाए गए

अजय जलेसरिया ने बताया कि काफी श्रद्धालु बालटाल से ही लौटा दिए गए। इसमें अलीगढ़ से भी करीब 10-12 श्रद्धालु थे। पूरी तरह से यात्रा पर रोक लगा दी गई है।

भंडारा बंद करना पड़ा

ओम श्री अमरनाथ सेवा मंडल की ओर से बाबा अमरनाथ की गुफा के निकट ही भंडारा लगता है। प्रधान पंकज वाष्र्णेय ने बताया कि भंडारे की व्यवस्था के लिए नौरंगाबाद स्थित  राजेंद्र चाचा भी सामान आदि छोड़कर वापस लौट रहे है। देरशाम राजेंद्र से उनकी बात हुई थी। पंकज ने बताया कि पूरी घाटी में दशहत है। श्रद्धालु परेशान हैं। पहले बारिश की आशंका को देखते हुए यात्रा को रोका गया था, मगर अचानक तीर्थ यात्रियों को घाटी खाली करने के निर्देश दे दिए गए। पंकज वाष्र्णेय ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि आतंकियों के दशहत से यात्रा को बीच में रोक दिया गया। सरकार सुरक्षा इंतजाम करने में नाकाम है। श्रद्धालुओं के साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है।

32 बेस कैंप में 15 रह गए

बालटाल और बाबा की गुफा के पास लगे 32 बेस कैंपों में से 15 रह गए हैं। बाकी सब उखाड़ दिए गए हैं। शनिवार सुबह तक शेष और कैंपों को भी उखाड़ दिया जाएगा।

रात 12 बजे लाठी फटकार कर भगाया

अलीगढ़ से गए श्रद्धालुओं पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लाठिया भी फटकारी। शुक्रवार देररात 12 बजे बाबा के गुफा के पास लगे अमरनाथ सेवा मंडल के भंडारा के सामने एकत्र हुए श्रद्धालुओं पर अचानक पुलिस पहुंच गई। बिना पूछताछ के पुलिस ने लाठियां फटकारना शुरू कर दिया, जिससे श्रद्धालु सहम गए। पुलिस ने रात में ही सामान आदि फेंक दिया और शिवभक्तों से चले जाने को कहा। अमरनाथ सेवा मंडल के पंकज वाष्र्णेय ने बताया कि रात 12 बजे श्रद्धालुओं का निकलना खतरे से खाली नहीं है। रास्ता दुर्गम होने के साथ ही अचानक बारिश आदि की भी संभावना रहती है, जिससे श्रद्धालु हादसे का शिकार हो सकते हैं। पंकज ने कहा कि श्रद्धालुओं के साथ दुव्र्यवहार करना गलत है।

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