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पंडित मदन मोहल मालवीय ने युवाओं काे भारतीय संस्कृति में ढाला

नुमाइश की कृष्णांजलि नाट्यशाला में रविवार को आयोजित संगोष्ठी में भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का देश के मजदूरों को संदेश विषय पर चर्चा हुई। भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य डा. राजीव अग्रवाल ने कहा कि मालवीय ने युवाओं को भारतीय संस्कृति में ढाला था।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 08:13 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 08:45 AM (IST)
पंडित मदन मोहल मालवीय ने युवाओं काे भारतीय संस्कृति में ढाला
नुमाइश की कृष्णांजलि नाट्यशाला में आयोजित हुआ कार्यक्रम।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नुमाइश की कृष्णांजलि नाट्यशाला में रविवार को आयोजित संगोष्ठी में 'भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का देश के मजदूरों को संदेश' विषय पर चर्चा हुई। भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य डा. राजीव अग्रवाल ने कहा कि मालवीय ने युवाओं को भारतीय संस्कृति में ढाला था। भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवंत रखते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की।

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संगोष्‍ठी का आयोजन

भारतीय मजदूर संघ व उप्र जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के संरक्षक सतीश जादौन ने और संचालन पंकज धीरज ने किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख सुशील ने कहा कि मालवीय का जन्म ऐसे कालखंड में हुआ जब भारतवासी अंग्रेजों की दासता का दंश झेलने को मजबूर थे। मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मत्री शंकरलाल ने कहा कि मालवीय ने मजदूरों के हित में काम किया। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए और पेंशन की सुविधा दिलाए। सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मालवीय ने ही हरिद्वार में हरिकी पैड़ी पर गंगा आरती की शुरूआत कराई थी। 1926 में वह मडराक स्थित तोताराम विद्यार्थी की हवेली में आए थे। उस हवेली को संरक्षित किया जाना चाहिए। भावना डांस एकेडमी के कलाकारों ने पवन अग्रवाल व गौरव अग्रवाल के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में देव वर्मा, अजय अग्रवाल, विनोद शर्मा, नरेश पाल, डा. दौलतराम शर्मा, डा. गिर्राज किशोर, तेजवीर सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे।

सामाजिक और शैक्षिक स्तर सुधारे पिछड़ा वर्ग

अलीगढ़ । नुमाइश की कृष्णांजलि नाट्यशाला में रविवार को आयोजित अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ के सम्मेलन में पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सुधार पर चर्चा हुई। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश प्रताप सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी पिछड़े वर्ग की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।सदियों पुरानी परंपरा को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है। देश में पिछड़ों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई राष्ट्रीय नेता नहीं है। संविधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। पिछडे़ वर्ग को भी नेतृत्व विहीन करने का षड़यंत्र है। सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रीय संरक्षक चौ. उदयराज सिंह ने की और संचालन खेमेंद्र कुमार व सत्यवीर सिंह ने किया। सम्मेलन में जयसिंह सुमन, रोशनी सिंह, रामवीर सिंह यादव, मूलचंद यादव, डीआर यादव, जवाहलाल बघेल, राजेंद्र सिंह अत्री, प्रेमपाल सिंह प्रजापति, चौ. हरपाल सिंह, आइपी कश्यप, चेतन स्वरूप राजौरिया, इंद्रजीत सिंह, हरेंद्र सिंह, विश्वनाथ, सुशील कुमार गौतम, उमेश कुमार वर्मा, महेश राजपूत, रमेश चंद्र विद्रोही, कौशलेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।


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