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पंचायत चुनाव निकट, पांच साल में भी वादे पूरे नहीं कर सके जनप्रतिनिधि Aligarh News

चुनाव निकट आते ही पुराने वादे भी याद आने लगते हैं। पिछले पंचायत चुनाव में जिन वादों के सहारे वोट मांगे गए उनमें से अधिकांश वादे गंगीरी में अधूरे हैं। कुछ कार्य कराए गए लेकिन समग्र विकास का सपना तो अभी जमीन पर उतरा ही नहीं है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 08:36 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 08:36 AM (IST)
पंचायत चुनाव निकट, पांच साल में भी वादे पूरे नहीं कर सके जनप्रतिनिधि Aligarh News
कोई भी विकास की बड़ी योजना नहींं मिली।

अलीगढ़, जेएनएन।  चुनाव निकट आते ही पुराने वादे भी याद आने लगते हैं। पिछले पंचायत चुनाव में जिन वादों के सहारे वोट मांगे गए, उनमें से अधिकांश वादे गंगीरी में अधूरे हैं। कुछ कार्य कराए गए, लेकिन समग्र विकास का सपना तो अभी जमीन पर उतरा ही नहीं है। कोई भी विकास की बड़ी योजना नहींं मिली। पानी निकासी के उचित इंतजाम न होने के चलते गांधी स्मारक मैदान पोखर जैसा नजर आने लगा है। इसमें कूड़ा भी डाला जा रहा है। कुछ हिस्से पर अवैध कब्जेे हैं। बच्चों के उच्च शिक्षा के नाम पर प्राइवेट कॉलेज तो है परंतु सरकारी इंटर कॉलेज एक भी नहीं है। इसके चलते बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने को दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। चुनाव के दौरान खेल मैदान और बरातघर के साथ-साथ श्मशान घाट बनवाने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक गांव के लोगों को इन तीन बड़ी सौगातों में से कोई भी हासिल नहीं हुई। 20 हजार की आबादी वाला गांव होते हुए भी यहां के लोग पानी की टंकी को तरस रहे हैं।

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पोखर का नहीं हुआ सुंदरीकरण

सरकारी अभिलेखों के अनुसार 20 हजार की आबादी वाले गांव में मात्र एक पोखर है। इसकी साफ-सफाई नहीं कराई गई है। पोखर में जलकुंभी तैर रही है।

ये कराये विकास कार्य

गांव के रास्तों में करीब 1.5 किमी सीसी व इंटरलॉकिंग सड़क, पैंठ बाजार का सुंदरीकरण, पंचायतघर व प्राथमिक विद्यालय का सुंदरीकरण, बिजली फीडर, 10 आवास व 200 शौचालय।

गांव के लोगों को अंतिम संस्कार के लिए गंगाघाट या दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। गांव में श्मशान स्थल की स्थापना कराई जाए।

गिरश चंद्र वाष्र्णेय

युवाओं मेंं क्रिकेट खेल में अधिक रुचि होती है। खेल मैदान की भूमि है, लेकिन व्यवस्थित नहीं है। खेल मैदान का सुंदरीकरण जरूरी है।

नीरज पाराशर

गांव के लोगों के लिए बरातघर की आवश्यकता है। गरीब परिवारों की बेटियों की बरात ठहराने के लिए कोई जगह नहीं है।

संजय पाठक

पंचवर्षीय योजना में गांव में सीसी सड़क के साथ कई विकास कराए। मानक के अनुरूप जगह न होने पर खेल के मैदान का सुंदरीकरण नहीं हो सका। सरकारी अभिलेखों में श्मशान के लिए कोई जगह दर्ज नहीं थी। श्मशान की भूमि दर्ज करने के लिए प्रस्ताव दिया जा चुका है। बरातघर के लिए कई बार प्रस्ताव दे चुकी हूं।

लक्ष्मी देवी, ग्राम प्रधान

उपलब्‍ध कराईं सुविधाएं

- कन्या महाविद्यालय की स्थापना

- पानी की टंकी

- बरातघर का निर्माण

- खेल का मैदान

- श्मशानगृह

यह भी जानिए

20 हजार की आबादी

मतदाता 5000

राशन कार्ड 1050

अंत्योदय कार्ड 64 


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