गंगा किनारे होगी जैविक खेती की जय-जय, होंगे ये फायदे Aligarh News
मोक्षदायिनी गंगा अब जैविक खेती के लिए भी वरदान बनेगी। नमामि गंगे योजना के तहत तटवर्तीय गांवों में जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिले में 12 गांवों का चयन किया गया है।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : मोक्षदायिनी गंगा अब जैविक खेती के लिए भी वरदान बनेगी। नमामि गंगे योजना के तहत तटवर्तीय गांवों में जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिले में 12 गांवों का चयन किया गया है। पहले चरण में करीब एक हजार एकड़ जैविक खेती का लक्ष्य है। इन गांवों में 20 कलस्टर बनाए जाएंगे। हर कलस्टर पर सरकार तीन साल में 10 लाख रुपये खर्च करेगी, इसमें 50 किसान होंगे। हर किसान एक एकड़ जैविक खेती करेगा। उनके प्रशिक्षण व जैविक अनाज की बिक्री की सुविधा सरकार देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी घोषणा
अभी तक इन गांवों में परंपरागत खेती हो रही है। इसमें रासायनिक खाद व कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है। बारिश में पानी के साथ रासायनिक खाद व कीटनाशक गंगा में पहुंचकर जलीय जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाते हैैं। इस प्रदूषण को रोकने के लिए ही जैविक खेती कराई जा रही है। गंगा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की थी। इस पर काम भी शुरू हो गया है।
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण
कृषि विभाग किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक कर प्रशिक्षण देगा। जैविक खेती के फायदे बताएगा। मिट्टी की जांच करेगा। खेतों की मेड़बंदी होगी, जिससे बाहर का पानी न आए। हर किसान हरी खाद, गोबर आदि वर्मी कंपोस्ट तैयार करेगा। खेती में गोमूत्र से बनी दवा का स्पे्र होगा। तीन साल तक इन किसानों से खेती कराई जाएगी। सरकार खर्च उठाएगी। रासायनिक खाद व कीटनाशक प्रतिबंधित रहेंगे।
इन गांव में होगी जैविक खेती
दीनापुर, टोडरपुर, गंगावास, हामिदपुर, रुस्तमपुर नगर, सांकरा, सिकरी, गोपालपुर, गहतौली गंग, किरतौली, हारनपुर गैर अहतमाली, सीसई माजरा अलीपुर।
16 हेक्टेयर में होगा पौधारोपण
इन गांवों में बागवानी पर भी जोर रहेगा। उद्यान विभाग 16 हेक्टेयर में फलदार पौधे लगाएगा। दीनापुर में नर्सरी तैयार की जा रही है। यहां से किसानों को मुफ्त में पौधे मिलेंगे।
प्रशासन मदद करेगा
सीडीओ अनुनय झा का कहना है कि सरकार का गंगा किनारे बसे गांवों में जैविक खेती पर जोर है। किसानों को वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जैविक अनाज की बिक्री में प्रशासन मदद करेगा।
20 कलस्टर बनाने का लक्ष्य
उपनिदेशक कृषि अनिल कुमार का कहना है कि गंगा किनारे के 12 राजस्व गांवों में जैविक खेती के लिए 20 कलस्टर बनाने का लक्ष्य है। एक कलस्टर में 50 किसान होंगे। हर किसान को एक एकड़ जैविक खेती करनी होगी।