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हरियाली तीज आज, बाजारों में जमकर खरीदारी Aligarh news

शहर के विभिन्न बाजारों में इस पर्व की धूम दिखी। देर रात तक महिलाओं ने कपड़े आभूषण चूड़ी आदि सामान की खरीदारी की। हाथों में मेहंदी के कई डिजाइन पसंद किए गए

By Parul RawatEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 09:40 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 09:40 AM (IST)
हरियाली तीज आज, बाजारों में जमकर खरीदारी Aligarh news

अलीगढ़, [जेएनएन]। सावन का प्रमुख पर्व हरियाली तीज गुरुवार को है। शहर के विभिन्न बाजारों में इस पर्व की धूम दिखी। देर रात तक महिलाओं ने कपड़े, आभूषण, चूड़ी आदि सामान की खरीदारी की। हाथों में मेहंदी के कई डिजाइन पसंद किए गए। रेलवे रोड, सेंटर प्वाइंट सहित अन्य बाजारों में देर रात तक महिलाओं ने मेहंदी रचवाई।

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तीज में भाएं हरी-हरी चूडिय़ां

नवविवाहिता व महिलाओं को हरियाली तीज पर सिर्फ हरे रंग की ही चूडिय़ां भाती हैं। इस बार कोरोना संकट में चूडिय़ों का खास कलेक्शन नहीं आ सका है। डिजाइनदार कड़े से लेकर कई अलग-अलग तरह की चूडिय़ां पसंद की गईं। साज-शृंगार के लिए आर्टिफिशियल ज्वेलरी की भी खरीदारी की गई। 150 से 1000 रुपये तक की कीमत में पेंडल, बाली व कड़े मिल रहे हैं। मेकअप की चीजों में लिपिस्टिक, नेलपॉलिश भी हरे रंग की मांग थीं।

गूंजने लगे सावन के गीत

हरियाली तीज की पूर्व संध्या पर बुधवार को दिन में रुक-रुक कर बारिश हुई। सावन की घटा के साथ-साथ महिलाओं में हरियाली तीज को लेकर उमंग थी।  जिन युवतियों की शादी के बाद पहली हरियाली तीज थी, बारिश के चलते उन्होंने घरों में ही झूले डाले। सनातन धर्म में मान्यता है कि भगवान शिव ने हरियाली तीज के दिन ही पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस व्रत को धारण करने से सुहाग की उम्र लंबी होती है। कन्याओं को इस व्रत को धारण करने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

हरियाली तीज पर नवविवाहिताएं मायके आती हैं। परंपरा है कि वह रक्षाबंधन के तक अपने मायके में रहती हैं। नवविवाहिता के मायके से ससुराल में ङ्क्षसधारा जाता है। ससुराल वालों के लिए मिठाई, कपड़े, फल भेजे जाते हैं। सास और ननद के लिए श्रंगार का सामान भेजते हैं।

मैं इस समय पुणे में हूं। हरियाली तीज का मेरा पहला त्योहार है, मैं सोच रही थी कि इसे अपने मायके अलीगढ़ में मनाऊंगी, मगर जा न सकी। यहां मैं पूरी परंपरा का निर्वहन करूंगी। शालिनी ङ्क्षसह, शंकर विहार मेरा मायका कासगंज है। हरियाली तीज पर मायके जाने का बहुत मन था। ससुराल में ही रहकर मैं परंपरा का निर्वहन करूंगी। माहौल जब ठीक हो जाएगा तो मायके चली जाऊंगी। - नीलम, देहलीगेट

मैं अपने मायके धनीपुर पहुंच गई हूं। शादी के बाद हरियाली तीज का यह पहला त्योहार है। घर पर मैंने झूले की व्यवस्था कर ली है। सखियों के साथ झूला झूलूंगी। गीत और मल्हार गाएंगे। ज्योति चौहान, पंचशील नगर रघुवीरपुरी स्थित मायके में आते ही पूरा परिवार खुश हो गया। मुझे भी काफी अच्छा लग रहा है। पहली बार मैं यहां परंपराओं के साथ त्योहार को मनाऊंगी। - शिवांगी वाष्र्णेय, गांधी नगर

मैं हर साल हरियाली तीज परंपरा के साथ मनाती हूं। बारिश के चलते दिन में खरीदारी नहीं कर सकी। हरी साड़ी खरीदी है। चूडिय़ां भी ली हैं। - मोनिका गुप्ता, ग्राहक

शादी के 35 साल हो गए। हरियाली तीज को लेकर मेरा उत्साह पहले की तरह बरकरार है। मैं इस त्योहार को पूरी परंपरा के साथ मनाती हूं। - मीरा वाष्र्णेय, ग्राहक

शारीरिक दूरी का उल्लंघन

मेहंदी लगाने वालों को पुलिस कर्मियों ने बाजार से खदेड़ा रेलवे रोड पर दुकानों के सामने फड़ लगाकर मेहंदी वाले जमे हुए थे। दिन में बारिश के चलते महिला व युवतियां शॉपिंग के लिए शाम को बाजारों में आईं। ब्यूटी पार्लर के साथ मेहंदी लगाने की होड़ थी। शारीरिक दूरी का उल्लंघन देख पुलिस कर्मियों ने मेहंदी रचाने वालों को बाजारों से खदेड़ दिए। कुछ तो हट गए, कुछ बाद में फिर से जम गए। घेवर की बिक्री : बाजार में घेवर की कई किस्म मौजूद हैं। सुमित गोयल ने बताया कि खोवा, सादा के साथ मलाई व केसर का घेवर 500 से 750 रुपये प्रति किलो है।


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