Aligarh: मौत पर मरहम लगाने 15 हजार का मुआवजा देने पहुंचे अधिकारी, बूढ़े मां बाप पैसे छोड़ शव लेकर चले गए
रेलवे के अधिकारी भी आ गए जिन्होंने बतौर अनुकंपा 15 हजार रुपये स्वजन को देने का प्रस्ताव रखा। लेकिन स्वजन ने रुपये ठुकरा दिए। पोस्टमार्टम हाउस से स्वजन रेलवे स्टेशन भी पहुंचे। यहां पहले जीआरपी से भी मिले।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर सोमना व डांवर स्टेशन के बीच हुए हादसे में जान गंवाने वाले सुल्तानपुर के हरिकेश का परिवार शनिवार सुबह पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचा। इस दौरान यहां रेलवे के अधिकारी हाथ में 15 हजार की रकम बतौर मुआवजा देने पहुंचे। यह देखकर परिजनों का गुस्सा और बढ़ गया। काफी बहस के बाद परिजन बिना पैसे लिए बेटे का शव लेकर चले गए।
इनमें उनके पिता संतराम, भाई राजेश, साढ़ू पवन व अन्य रिश्तेदार शामिल थे। यहां रेलवे के अधिकारी भी आ गए, जिन्होंने बतौर अनुकंपा 15 हजार रुपये स्वजन को देने का प्रस्ताव रखा। लेकिन, स्वजन ने रुपये ठुकरा दिए। पोस्टमार्टम हाउस से स्वजन रेलवे स्टेशन भी पहुंचे। यहां पहले जीआरपी से मिले। फिर सीएमआइ संजय शुक्ला से मुलाकात की। स्वजन नौकरी व रेलवे की ओर से मुआवजे की मांग कर रहे थे। घंटों बातचीत के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो स्वजन बिना पैसे लिए शव लेकर लौट गए।
ट्रेन में सरिया घुसने से हुई थी मौत
कल शुक्रवार को कानपुर जा रही नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन में सवार एक यात्री की सोमना और डांबर रेलवे स्टेशन के बीच लोहे की सरिया गर्दन में घुस जाने से मौत हो गई थी। हादसे के बाद ट्रेन में खलबली मच गई। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर यात्री के शव को उतार लिया गया।
यात्री की पहचान सुल्तानपुर के हरिकेश दुबे पुत्र संतराम निवासी गोपीनाथपुर सुल्तानपुर के रूप में हुई है। घटना के बाद रेलवे अफसर घटनास्थल पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर रेलवे के स्तर से निर्माण कार्य हो रहा था। इसी दौरान लोहे का सरिया ट्रेन के कोच के शीशे को तोड़ते हुए सीट पर बैठे युवक की गर्दन में जा घुसी।