उत्तर प्रदेश में अब मुफ्त में मिलेंगे तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल
जिले में कुल साढ़े छह लाख कार्ड धारक हैं। इनमें 24 हजार अंत्योदय व बाकी के पात्र गृहस्थी की श्रेणी हैं। अब तक योगी सरकार सस्ते दामों में पांच किलो प्रति यूनिट राशन देती आई है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। राशन कार्ड धारकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। कोरोना के चलते अब तक मुफ्त में मिलने पांच किलो चावल प्रति यूनिट के नियम में बदलाव हो गया है। अब प्रदेश सरकार की तरह ही केंद्र की ओर से भी तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल प्रति यूनिट मिलेंगे। इस महीने से इसकी शुरुआत हो जाएगी। जिले में चावलों की अधिक कालाबाजारी के चलते इसका फैसला लिया गया है।
छह लाख कार्ड धारक
जिले में कुल साढ़े छह लाख कार्ड धारक हैं। इनमें 24 हजार अंत्योदय व बाकी के पात्र गृहस्थी की श्रेणी हैं। अब तक योगी सरकार सस्ते दामों में पांच किलो प्रति यूनिट राशन देती आई है। इसमें तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल होते हैं। कीमत भी दो व तीन रुपये किलो रहती है। अब मार्च में पीएम मोदी ने कोरोना के चलते लॉक डाउन लगा दिया है। ऐसे में काम काज बंद हो गए। इसी कारण केंद्र सरकार ने भी हर महीने प्रति यूनिट पांच किलो राशन मुफ्त में देनी की घोषणा कर दी, लेकिन इसमें सरकार की तरफ से महज चावल ही मिल रहे थे। ऐसे में एक यूनिट पर हर महीने सात किलो चावल पड़ रहे थे। वहीं, गेहूं की मात्रा तीन किलो ही थी।
चावल की कालाबाजारी
पश्चिमी यूपी में वैसे भी लोग चावल खाना कम ही पंसद करते हैं। ऐसे में चावल की मात्रा बढऩे पर कालाबाजारी शुरू कर दी। डीलरों के साथ ही राशन कार्ड धारक भी चावल बेचने लगे। ऐसे में पिछले दिनों डीएम चंद्रभूषण ङ्क्षसह की ओर से एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें सुझाव दिया गया कि जिले में केंद्र की ओर से मिलने वाले मुफ्त में पांच किलो चावल की जगह गेहूं दिए जाएं तो कालाबाजारी नहीं होगी। ऐसे में सरकार ने इस फैसले में संशोधन करते हुए मुहर लगा दी है। तय हुआ है कि अब राज्य की तरह ही केंद्र की ओर से भी तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल प्रति यूनिट मिलेंगे। यह पूरी तरह से मुफ्त में रहेंगे। डीएसओ चमन शर्मा ने बताया कि आदेश आ गया। इसी महीने से नए नियम से वितरण शुरू कर दिया जाएगा।