अब अलीगढ़ में ऑनलाइन लगेगी डॉक्टर व शिक्षकों की हाजिरी
परिषदीय-माध्यमिक विद्यालय एवं अस्पतालों से नदारद रहने वाले शिक्षकों व चिकित्सकों पर नजर रखने को अब नई पहल हो रही है। इन दोनों स्थानों पर ऑनलाइन हाजिरी की शुरुआत होगी।
अलीगढ़ (सुरजीत पुंढीर)। परिषदीय-माध्यमिक विद्यालय एवं अस्पतालों से नदारद रहने वाले शिक्षकों व चिकित्सकों पर नजर रखने को अब नई पहल हो रही है। इन दोनों स्थानों पर ऑनलाइन हाजिरी की शुरुआत होगी। डीएम के निर्देशन में ई-अटेंडेंस एप तैयार किया गया है। इस पर उन्हें सेल्फी फोटो डालना होगा। फोटो के साथ समय व स्थान दोनों अपलोड हो जाएंगे।
यह है स्थिति
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के कुल 2511 विद्यालय हैं। इनमें 1776 प्राइमरी व 735 जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें करीब 7000 अध्यापक हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के 30 राजकीय इंटर कॉलेज हैं। इनमें करीब 1200 शिक्षक हैं। इसके अलावा जिले में करीब तीन दर्जन सरकारी अस्पताल हैं, जिनमें करीब 60 चिकित्सक हैं।
न पहुंचने की रहती है शिकायत
शिक्षक व चिकित्सकों के आए दिन न पहुंचने की शिकायत रहती है। कई बार जांच में इनके गैरहाजिर रहने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में अब इन पर निगरानी के लिए डीएम ने ई-अटेंडेंस एप की शुरुआत की है। दोनों विभागों से जुड़े लोगों को हर रोज सेल्फी खींचकर इस एप पर अपलोड करनी होगी। सेल्फी में स्थान व समय भी आ जाएगा। इसकी मॉनिटङ्क्षरग जिला स्तर से होगी।
जिला स्तर से निगरानी
डीएम द्वारा यहां डीएम वार रूम संचालित किया जा रहा है। यह अब तक काफी सफल रहा है। लोगों की समस्याओं का आसानी से समाधान हो जाता है। ईडीएम मनोज राजपूत के नेतृत्व में गठित टीम इस पर निगरानी कर रही है।
अवकाश के लिए भी कर सकेंगे आवेदन
इस एप में शिक्षक व कर्मचारियों के लिए छुट्टी लेने की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जो इस पर आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद यह संबंधित विभागीय अफसर के पास पहुंच जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलेगी।
शुरुआत से अंतिम दिन तक मिलेगा डाटा
इस एप हर दिन का अलग-अलग डाटा सुरक्षित होता रहेगा। कोई भी अधिकारी किसी की जानकारी करना चाहेगा तो वह कभी भी कर सकेगा। सेल्फी खींचने का समय व स्थान दोनों होंगे। ऐसे में फर्जी हस्ताक्षर करने वाले कर्मचारियों पर भी इस पर अंकुश लगेगा।
जल्द अन्य विभाग शामिल होंगे
डीएम चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी के लिए ई-अटेंडेंस एप तैयार किया जा रहा है। इसमें पहले चरण में चिकित्सक व शिक्षकों को जोड़ा जा रहा है। अगर यह सफल रहा है तो जल्द अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।