अब प्रदूषण प्रमाणपत्र की ‘चाबी’ से ही खुलेगा वाहनों का ‘लाक’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र जरूर बनवाएं। बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के न तो बीमा होगा और न ही आरटीओ में वाहन संबंधी कोई अन्य कार्य होंगे।
गौरव दुबे, अलीगढ़ । मंडल व प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में वाहनों के पहिये तभी घूमेंगे जब वाहन स्वामियों के पास प्रदूषण प्रमाणपत्र की ‘चाबी’ होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से देशभर में किसी भी वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाना अनिवार्य किया गया है। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए ये कदम उठाया गया है। संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) अलीगढ़ की ओर से मंडलभर में निर्देश जारी करते हुए व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के न तो बीमा होगा और न ही आरटीओ में वाहन संबंधी कोई अन्य कार्य होंगे। 20 जून से इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
60 फीसदी वाहन बिना प्रमाण पत्र के दौड़ रहे
आरटीओ में वाहन के रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, रोड टैक्स, वाहन निरीक्षण, व्हीकल ट्रांसफर, समेत किसी भी तरह के काम कराने से पहले वाहन स्वामी को प्रदूषण प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य है। अभी जिले की स्थिति ये है कि यहां करीब 60 प्रतिशत वाहन बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले वाहनों की है। साथ ही लगभग 15 हजार कंडम वाहन भी फर्राटा भर रहे हैं। इन पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
बीमा कंपनियों को निर्देश
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बीमा कंपनियों व उनके एजेंटों को निर्देश जारी किए हैं कि वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र होने पर ही वाहनों का बीमा किया जाए। बिना इसके बीमा करने पर आरटीओ की ओर से ऐसे वाहनों को ब्लाक किया जाएगा। फिर प्रदूषण प्रमाणपत्र दिखाने पर ही उनको ब्लाक लिस्ट से बाहर किया जाएगा।
10 हजार रुपये तक जुर्माना
नए मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माना राशि को पांच से 10 गुना तक बढ़ा दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाणपत्र न होने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस पर पांच हजार रुपये, बिना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के पांच हजार रुपये, ओवर स्पीड ड्राइविंग पर पांच हजार रुपये और बिना इंश्योरेंस वाहन चलाने पर दो हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रविधान किया गया है।
इनका कहना है
इस व्यवस्था को मंडल भर में 20 जून 2022 से लागू कर दिया गया है। बिना इसके वाहन संबंधी कोई कार्य नहीं होगा। बीमा कंपनियों को भी निर्देशित कर दिया है। नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
- फरीदउद्दीन, आरटीओ (प्रवर्तन)