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अब इंटरिम कमेटी खिलाएगी नौनिहालों को खो-खो Aligarh news

कोरोना काल के बाद स्कूल खुलने पर कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में अब नौनिहालों को फिर से खो-खो खेल का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। यूपी खो-खो संघ में कई गड़बड़ियों के चलते फेडरेशन की संबद्धता को खत्म कर दिया गया है।

By Parul RawatEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 03:36 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 03:36 PM (IST)
खो-खो के बारे में बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने जानकारी दी

अलीगढ़, जेएनएन : कोरोना काल के बाद स्कूल खुलने पर कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में अब नौनिहालों को फिर से खो-खो खेल का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। यूपी खो-खो संघ में कई गड़बड़ियों के चलते फेडरेशन की संबद्धता को खत्म कर दिया गया है, जिससे संघ फेडरेशन से बाहर हो गया है। अब वो किसी खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन नहीं करा सकता। अब स्कूलों या जिले में खो-खो के प्रशिक्षण व प्रतियोगिता के लिए इंटरिम कमेटी गठित की गई है। इसके जरिए गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए जिला को-ऑर्डिनेटर नियुक्त करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

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लखनऊ में होंगे कार्यक्रम

जिला पीटीआइ सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि जिले व प्रदेश में खो-खो से संबंधित सभी प्रशिक्षण व कार्यक्रम लखनऊ के शाफायर्स होम्स एंड विलास 2-फेन ब्रेक एवेन्यू सरोजनी नायडू मार्ग पर किए जाएंगे। इस निर्णय से बच्चों की जिला से ब्लॉक व मंडलीय स्तर की प्रतियोगिताएं कराई जा सकेंगी। साथ ही बच्चों ो प्रशिक्षण मिलना भी शुरू हो सकेगा। लंबे समय से विद्यार्थी खो-खो के प्रशिक्षण से अछूते रहे हैं। जबकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में तमाम प्रतिभाएं हैं जो राज्यस्तर तक नाम चमका सकती हैं। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों के खो-खो प्रशिक्षण की राह खुलेगी। जिला को-ऑर्डिनेटर भी तय किए जाएंगे।

माध्यमिक के विद्यार्थी भी खेलेंगे खो-खो

खो-खो में इंटरिम कमेटी बनने से माध्यमिक विद्यालयों के खिलाड़ियों को भी फायदा मिलेगा। जिले मेंं पिछले काफी समय से खो-खो का प्रशिक्षण व प्रतियोगिताएं बंद पड़ी हैं। संघ के डिबार होने व फेडरेशन के अलग होने से ये समस्या खिलाड़ियों के सामने आई है। इंटरिम कमेटी के जरिए माध्यमिक विद्यालयों में भी खो-खो के प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा। डीआइओएस डाॅ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, तमाम विद्यालयों में खो-खो की बेहतरीन प्रतिभाएं हैं। प्रतियोगिताएं होंगी तो निश्चित की खेल में निखार आएगा।


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