अब नकल पर लगेगी नकेल, बोर्ड ने उठाए सख्त कदम Aligarh news
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) ने 2021 की वार्षिक परीक्षा से पहले केंद्र निर्धारण नीति जारी की है। इसके साथ ही कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए कुछ कड़े नियम भी लागू किए हैं। नकल पर नकेल लगाने के लिए बोर्ड की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन : माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) ने 2021 की वार्षिक परीक्षा से पहले केंद्र निर्धारण नीति जारी की है। इसके साथ ही कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए कुछ कड़े नियम भी लागू किए हैं। नकल पर नकेल लगाने के लिए बोर्ड की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं। कॉलेज संचालकों की ओर से अपने संस्थान की दी गई आधारभूत सूचना का निरीक्षण अफसरों की टीम करेगी। अपनी रिपोर्ट को ही टीम बोर्ड को भेजेगी। जिसके आधार पर केंद्रों का आनलाइन निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए जिले में निरीक्षण टीमों का गठन किया जाना भी शुरू कर दिया गया है। केंद्र निर्धारण नियमावली के आधार पर उन कॉलेजों को भी केंद्र बनाने से दूर रखा जाएगा जिनमें प्रधानाचार्य के आवास या हॉस्टल बने हुए हैं।
टीम अपनी रिपोर्ट अपलोड करेगी
जिले में पिछली बोर्ड परीक्षा में रामसिंह धांधू सिंह इंटर कॉलेज के सामने एक मकान में हाईस्कूल की अंग्रेजी विषय की कॉपियां सॉल्व करते हुए सॉल्वर गैंग पकड़ा गया था। इसलिए ऐसे कॉलेजों को भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा जिनके बिल्कुल पास ही प्रबंधक का घर हो। डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, जिन कॉलेजों में प्रधानाचार्यों के आवास या हॉस्टल बने हैं, उनको भी परीक्षा केंद्र बनाने से परहेज किया जाएगा। इसके साथ ही जिन कॉलेजों तक पहुंचने में रास्ते सुगम न हों व उनकी खिड़की सकरी गली में खुलती हैं उनको भी परीक्षा केंद्रों की सूची से अलग रखा जाएगा। कॉलेेज प्रबंधक अपने संस्थानों की आधारभूत सूचनाएं बोर्ड की साइट पर अपलोड करेंगे। इसके बाद निरीक्षण टीम वहां मुआयना कर अपनी रिपोर्ट भी अपलोड करेगी। जो भी कॉलेज केंद्र बनने के लिए जरूरी मानक व सुविधाएं पूरी करेंगे, उनको परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
कोविड-19 संक्रमण का भी रखना होगा ख्याल
डीआइओएस ने कहा कि अभी कोविड-19 वायरस की वैक्सीन नहीं आ सकी है। परीक्षाएं अगले वर्ष होनी हैं। मगर कोरोना काल के चलते परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था अभी से तय करनी होगी। इस संबंध में शासन से मार्गदर्शन भी मांगा गया है। एक कक्ष में 20 से ज्यादा विद्यार्थी न बिठाए जाने व परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। शासन से स्पष्ट गाइडलाइंस आने के बाद इस पर अमल किया जाएगा।
बढ़ सकती है केंद्रों की संख्या
पिछले दो-तीन सालों से जिले में परीक्षा केंद्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। पहले जहां जिले में 200 के ऊपर केंद्र बनते थे वहीं पिछले सालों में ये संख्या 180 हुई, फिर ये घटकर 150 तक भी सिमटी। सीसी टीवी कैमरों व कंट्रोल रूम से आनलाइन निगरानी के चलते नकल कराना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए नकल पर नकेल लगने से प्रबंधक व प्रधानाचार्य अपने कॉलेजों को केंद्र बनवाने से भी परहेज करते हैं। मगर इस साल कोविड-19 के चलते छात्र-छात्राओं को दूर-दूर बैठाने के चलते परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।