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अब कस्तूरबा विद्यालयों से भी निकलेंगी ‘आर्यभट्ट बेटियां’, जानिए कैसेAligarh News

गणित विज्ञान संस्कृत ऐसे विषय हैं जिनकी सही जानकारी हो तो अन्य भाषाओं व प्रतियोगी परीक्षाओं पर बेहतरीन पकड़ बन जाती है। बेटियों को बचपन से ही इन विषयों की बेहतरीन समझ हो इसके लिए शासनस्तर से व्यवस्था की गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 04:11 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 04:11 PM (IST)
अब कस्तूरबा विद्यालयों से भी निकलेंगी ‘आर्यभट्ट बेटियां’, जानिए कैसेAligarh News
कोरोना संक्रमण काल से राहत के बाद अब विद्यालय खुलने शुरू हो गए हैं।

अलीगढ़, जेएनएन।  गणित, विज्ञान, संस्कृत ऐसे विषय हैं जिनकी सही जानकारी हो तो अन्य भाषाओं व प्रतियोगी परीक्षाओं पर बेहतरीन पकड़ बन जाती है। बेटियों को बचपन से ही इन विषयों की बेहतरीन समझ हो इसके लिए शासनस्तर से व्यवस्था की गई है। ये व्यवस्था नई शिक्षा नीति को देखते हुए की गई है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि गणित, विज्ञान, संस्कृत व हिंदी इन मुख्य विषयों मेें अगर विद्यार्थी पारंगत हो जाएं तो अन्य विषयों व पाठ्यसामग्री को आसानी से समझने में मदद मिलती है। इन विषयों में निपुण विद्यार्थी बड़ी कक्षाओं में भी विषय वस्तु को आसानी से ग्रहण कर सकते हैं। उनको कोई दिक्कत नहीं आती। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं व करियर चुनने की राह में भी आसानी हो जाती है। इसी तर्क को ध्यान मेें रखते हुए बेटियों में गणित की मजबूत समझ विकसित करने के लिए शासनस्तर से पहल की गई है।

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वीडियाेे से होगी गणित की परीक्षा 

इसकी शुरुआत भी निचली कक्षाओं से करने की तैयारी हो गई है। स्कूल खुलने पर इसका लाभ बेटियों को विशेष तौर पर दिया जाएगा। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को गणित का ज्ञान विशेष तौर पर कराया जाएगा। खान अकादमी के सहयोग से शासनस्तर से ये व्यवस्था की जा रही है। खान अकादमी के प्रशिक्षक कस्तूरबा विद्यालयों के शिक्षक स्टाफ को प्रशिक्षित भी करेंगे। इन विद्यालयों के गणित के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के साथ ही खान अकादमी की ओर से कक्षा छह से आठवीं तक की छात्राओं के लिए गणित विषय संबंधी वीडियो भी उपलब्ध कराए जाएंगे। ये वीडियो छात्राओं में गणित में दक्षता लाने में सहायक होंगे। कस्तूरबा विद्यालयों के गणित शिक्षकों की ओर से छात्राओं का कक्षावार अकाउंट भी क्रिएट किया जाएगा। इसके जरिए छात्राएं नियमित तौर पर आनलाइन कक्षाएं करते हुए अभ्यास कार्य पूरा कर सकेंगी। उनके कामों की जांच करते हुए प्रगति रिपोर्ट भी तैयार होगी। जिन जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में गणित के शिक्षक नहीं होंगे वहां विज्ञान के शिक्षकों के जरिए ये काम पूरा कराया जाएगा। जिले में 13 कस्तूरबा विद्यालयों का संचालन होता है। प्रति विद्यालय 100 छात्राओं के हिसाब से इनमेें करीब 1300 छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत गणित के ऐसे अध्यापक या अध्यापिका को चयनित किया जाएगा जो मेंटर के रूप मेें कस्तूरबा विद्यालयों के शिक्षकों को अकादमिक सहयोग प्रदान करेंगे। ये ऐसे शिक्षक चयनित होंगे जिनको कंप्यूटर का भी विशेष ज्ञान होगा।

बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल से राहत के बाद अब विद्यालय खुलने शुरू हो गए हैं। कस्तूरबा विद्यालयों में छात्राओंं को गणित में मजबूत किया जा रहा है। शासन की इस योजना के तहत छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था पर काम जल्द शुरू होगा। शासनस्तर से छात्राओं के हित में शानदार कदम उठाया गया है।


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